Last Updated:January 19, 2025, 14:37 IST
Subsidy scheme: तमिलनाडु सरकार ने ग्रामीण लोगों के जीवन को बदलने और रोजगार के नए अवसर देने के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है. इस पहल से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
तमिलनाडु सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वरोजगार का मौका देने के लिए एक खास योजना शुरू की है. इस योजना के तहत, छोटे पैमाने के पोल्ट्री फार्म (100 घरेलू मुर्गी इकाइयां) शुरू करने वालों को 50% सब्सिडी दी जा रही है. यह योजना विशेष रूप से अरियालुर, कुड्डालोर, पेरम्बलुर, रामनाथपुरम, शिवगंगई, तिरुनेलवेली, थेनकासी, थूथुकुडी, थेनी और विरुधुनगर जिलों में लागू की गई है. हर यूनिट में 250 मुर्गियों की व्यवस्था की जाती है.
योजना का विस्तार और बढ़ता असर
पहले चरण की सफलता के बाद, वित्त वर्ष 2023-24 में योजना का दायरा बढ़ाकर 26 अन्य जिलों में भी लागू किया गया है. इसमें चेन्नई और नीलगिरी जिलों को छोड़कर, प्रत्येक जिले में 180 लाख रुपये की लागत से 100 नई पोल्ट्री यूनिट स्थापित की जा रही हैं. अगले वित्त वर्ष 2024-25 में, इसी योजना के तहत 50% सब्सिडी (1,47,740 रुपये प्रति यूनिट) के साथ नई इकाइयां स्थापित की जाएंगी.
मुर्गीपालन से आर्थिक मजबूती
होसुर जिले में पशुधन फार्म के माध्यम से लाभार्थियों को 250 चार सप्ताह की देशी मुर्गी के चूजे निःशुल्क दिए जा रहे हैं. इन मुर्गियों से अंडे, चूजों का उत्पादन और बिक्री के साथ-साथ मांस बेचकर लाभार्थी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं. अनुमान है कि एक लाभार्थी इस योजना के जरिए 2,31,000 रुपये तक कमा सकता है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को प्रोत्साहित करती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देती है. इससे गांवों में मुर्गीपालन का विस्तार होगा और लोग आत्मनिर्भर बन सकेंगे.
सरकार का लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएं
तमिलनाडु सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण जनता की आजीविका को मजबूत किया जाए. छोटे पैमाने पर व्यवसाय शुरू करने की यह पहल, स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी.
First Published :
January 19, 2025, 14:37 IST
1.47 लाख रुपये, 250 मुर्गियां मुफ्त, पोल्ट्री फार्म मिल रही 50% सब्सिडी