1 दिन भी हॉस्पिटल में नहीं हुए भर्ती, हो गया प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

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मेरठ में 78 साल के बुज़ुर्ग ने अस्पताल में एक दिन भी भर्ती हुए बिना स्टेज चार के प्रोस्टेट कैंसर को हरा दिया. मेरठ में 78 साल के बुज़ुर्ग ने अस्पताल में एक दिन भी भर्ती हुए बिना स्टेज चार के प्रोस्टेट कैंसर को हरा दिया.

मेरठ. मेरठ के एक बुज़ुर्ग ने कैंसर को मात दे दी है. 78 साल के बुज़ुर्ग ने स्टेज चार के प्रोस्टेट कैंसर को हरा दिया. इस बुज़ुर्ग को न तो कीमोथेरेपी दी गई और न ही इम्यूनोथेरेपी. न ही एक भी दिन अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. चंद महीनों के अंदर ही कैंसर हार गया. ओरल दवाइयों से ही प्रोस्टेट कैंसर को ठीक किया गया. इस बुज़ुर्ग का पीएसए स्तर एक सौ चौरासी हो गया था जो सामान्य परिस्थिति में एक से भी कम होता है.

मेरठ में मैक्स हॉस्पिटल के यूरो-ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. हर्षित गर्ग, 77 वर्षीय बुज़ुर्ग ओमवीर सिंह की बीमारी और उसके इलाज के बारे में बताया तो सभी हैरत में पड़ गए. डॉ. हर्षित ने बताया कि, ‘पीएसए स्तर अगर 100 mg/dL तक पहुंच जाए तो यह गंभीर प्रोस्टेट समस्या का संकेत हो सकता है. 78 वर्षीय ओमवीर सिंह को गंभीर यूरिनरी समस्याएं थीं. एडवांस्ड कॉग्निटिव-MRI TRUS फ्यूजन बायोप्सी में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई. PET स्कैन से यह पता चला कि कैंसर हड्डियों और लिम्फ नोड्स तक फैल चुका है. उन्हें एडवांस हार्मोनल थेरेपी दी गई. हार्मोनल एब्लेशन के लिए सर्जरी की गई. एक साल के इलाज के बाद, असाधारण सुधार दिखा. वे अब सामान्य डाइट के साथ रोज की कामों में व्यस्त हैं.’

62 वर्षीय एक अन्य मरीज के इलाज की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक है. मरीजों के केस को बताते हुए डॉ. हर्षित गर्ग ने कहा, ’62 वर्षीय मेरठ के एक दुकानदार को बढ़े हुए प्रोस्टेट की वजह से यूरिनरी समस्या हो रही थी. कई प्रकार के परीक्षणों के बाद, जिसमें प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसऐ) ब्लड टेस्ट, MRI और बायोप्सी शामिल थे, उन्हें लोकलाइज्ड प्रोस्टेट कैंसर का पता हुआ. मई 2024 में मरीज ने मैक्स अस्पताल वैशाली में रोबोटिक प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी करवाई. इस सर्जरी में प्रोस्टेट ग्रंथि और उसके आसपास की संरचनाओं को सावधानीपूर्वक हटाया गया. हैरानी की बात यह है कि सर्जरी के दिन की शाम तक वह चल रहे थे. तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. अब सर्जरी के चार महीने बाद, वह कैंसर मुक्त हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं, जिसमें वे हर दिन 2-3 किलोमीटर चलने की आदत बना चुके हैं.’ उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी ने प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में क्रांति ला दी है, जिससे मरीजों को मिनिमली इनवेसिव विकल्प मिलते हैं. इलाज के बाद की रिकवरी तेज से होती है.

Tags: Meerut news, UP news

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 19:30 IST

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