120 साल पुरानी रामलीला, धनुष भंग होते ही राम नाम का जयकारा, ब्रिटिश काल...

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 11, 2025, 12:54 IST

Sagar 120 Year Old Ramleela: ब्रिटिश शासन काल में शुरू हुए धार्मिक कार्यक्रम को आज भी उसी शिद्दत के साथ परंपरा के रूप में निभाया जा रहा है, अब यह आयोजन केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग इसकी जिम्मेद...और पढ़ें

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धनुष 

धनुष 

हाइलाइट्स

  • सागर के देवलचौरी गांव में 120 साल से रामलीला का मंचन हो रहा है.
  • सीता स्वयंवर का प्रसंग देखने हजारों लोग जुटते हैं.
  • तिवारी परिवार ने रामलीला की परंपरा को जीवित रखा है.

अनुज गौतम, सागर : सागर जिले के छोटे से गांव देवलचौरी में तिवारी परिवार ने 120 साल पहले लोगों को धर्म और संस्कृति से जोड़ने रामलीला का मंचन शुरू किया था, ब्रिटिश शासन काल में शुरू हुए धार्मिक कार्यक्रम को आज भी उसी शिद्दत के साथ परंपरा के रूप में निभाया जा रहा है, अब यह आयोजन केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग इसकी जिम्मेदारी उठाते हैं, 5G होती दुनिया के दौर में दर्जनों गांव के हजारों लोग रामलीला मंचन को देखने पहुंचते हैं, जो कलाकारों में अलग ही जोश और ऊर्जा भर देते हैं.

भगवान जन्म से राजा बनने तक की कथा
वैसे तो यह आयोजन बसंत पंचमी से शुरू होता है और भगवान के जन्म से लेकर अयोध्या के राजा बनने तक की कथा का मंचन किया जाता है. लेकिन यहां होने वाला सीता स्वयंवर काफी प्रसिद्ध है, जिसे देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ती है, खास बात यह है की रामलीला में केवल गांव के ही कलाकार भाग लेते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी कलाकार इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं, जो भी कलाकार रामलीला का मंचन करते हैं वे कम पढ़े लिखे होते हुए भी हिंदी संस्कृत अवधि और बुंदेली भाषा बोलते हैं.

सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाया गया
सीता स्वयंवर के प्रसंग के मंचन में राजा जनक के द्वारा अपनी पुत्री के विवाह के लिए सभा में धनुष सजाया गया. इसे बड़े-बड़े पराक्रमी राजाओं ने इसे उठाने की कोशिश की है. लेकिन कोई हिला तक ना पाया फिर गुरु की आज्ञा लेकर राम ने इस धनुष को भंग किया और सीता विवाह हुआ.

तिवारी परिवार परम्परा को आगे बढ़ा रहा 
गांव में रामलीला की शुरुआत 120 साल पहले 1905 में पं छोटेलाल तिवारी ने की थी. तभी से तिवारी परिवार इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. पं छोटेलाल तिवारी के बाद ओंकार प्रसाद तिवारी, भगवत शरण तिवारी, रमेश कुमार तिवारी, पं महेश तिवारी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पुष्पित और पल्लवित किया है. भारत भूषण तिवारी ने बताया कि गांव के लोगों ने अब आयोजन को संभाल लिया है. इस रामलीला को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है.

Location :

Sagar,Madhya Pradesh

First Published :

February 11, 2025, 12:54 IST

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