Last Updated:February 08, 2025, 17:34 IST
विदेशी निवेशकों ने 7 फरवरी तक भारतीय शेयर बाजार से ₹9,090 करोड़ निकाले और प्राइमरी मार्केट में ₹1,478 करोड़ निवेश किया. डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने से बिकवाली हुई. विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर इंडेक...और पढ़ें
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फरवरी में 7 तारीख तक विदेशी निवेशकों ने 9000 करोड़ से ज्यादा निकाल लिए.
हाइलाइट्स
- विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से ₹9,090 करोड़ निकाले.
- डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने से बिकवाली हुई.
- प्राइमरी मार्केट में ₹1,478 करोड़ का निवेश किया.
नई दिल्ली. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दौर जारी है. फरवरी 7 तक, FIIs ने कैश सेगमेंट में शुद्ध रूप से ₹9,090 करोड़ की निकासी की है. हालांकि, उन्होंने प्राइमरी मार्केट इश्यू के जरिए ₹1,478 करोड़ का निवेश किया, लेकिन कुल मिलाकर उनकी गतिविधियां बिकवाली की ओर झुकी हुई हैं. मार्केट डेटा के अनुसार, साल 2025 में अब तक FIIs ने भारतीय इक्विटी बाजार से कुल ₹90,993 करोड़ निकाले हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़े पैमाने पर बिकवाली की मुख्य वजह डॉलर इंडेक्स की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी है. इससे FIIs को उभरते बाजारों से पूंजी निकालकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करने का अवसर मिला है.
ईटी में छपे एक लेख में जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा है, “डॉलर इंडेक्स की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेजी के कारण FIIs की बिकवाली जारी है. हालांकि, आगे चलकर डॉलर इंडेक्स और यील्ड में नरमी के संकेत दिख रहे हैं, जिससे FIIs की बिकवाली की रफ्तार धीमी हो सकती है.”
घरेलू बाजार में सुधार के संकेत
घरेलू मोर्चे पर निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है. हाल ही में पेश किया गया केंद्रीय बजट निवेशकों के लिए सकारात्मक साबित हुआ है. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती से भी बाजार में तेजी बनी हुई है. वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत से भी निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ सकता है. विजयकुमार का कहना है कि “भारतीय बाजार का दीर्घकालिक रुख देश की जीडीपी ग्रोथ और कॉरपोरेट अर्निंग्स की मजबूती पर निर्भर करेगा.”
भारत की मजबूती और सरकार के कदम
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर ट्रे़ड वॉर, संभावित अमेरिकी टैरिफ और बढ़ती महंगाई के बावजूद भारत आर्थिक मोर्चे पर मजबूत स्थिति में है. आरबीआई द्वारा समय पर उठाए गए कदमों और घरेलू निवेश को बढ़ावा देने के उपायों के कारण भारतीय बाजार स्थिर बना हुआ है. BDO इंडिया के टैक्स और रेगुलेटरी सर्विसेज पार्टनर मनोज पुरोहित ने कहा, “बजट में घोषित बड़े सुधारों और वित्तीय सेवा क्षेत्र में विदेशी भागीदारी को बढ़ावा देने की योजनाओं से भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में फिर से सामने आया है. हालांकि, एफपीआई प्रवाह पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है, लेकिन बजट और आरबीआई की नीतियों से भारत वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है.”
सरकार ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, जैसे कि गिफ्ट सिटी (IFSC) में टैक्स हॉलिडे को 5 साल के लिए बढ़ाना और इंश्योरेंस सेक्टर में 100% एफडीआई की अनुमति देना. इन कदमों से बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और विदेशी कंपनियों के लिए भारत का बाजार और आकर्षक बनेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा टैक्स सिस्टम को सरल बनाने, कर संबंधी अस्पष्टताओं को दूर करने और एफपीआई के लिए रास्ता साफ करने से दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में मजबूत होगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 08, 2025, 17:34 IST