![प्रदोष व्रत 2025](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष के दिन भोलेनाथ की उपासना करने से सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है और जीवन में वैभव प्राप्त की प्राप्ति होती है। प्रत्येक महीने में प्रदोष व्रत दो बार आता। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है। इस बार माघ माह का आखिरी प्रदोष व्रत 9 फरवरी को, रविवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। तो आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत की पूजा मुहूर्त के बारे में।
माघ प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 9 फरवरी को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि समाप्त 10 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा। प्रदोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 9 फरवरी को शाम 7 बजकर 25 मिनट से रात 9 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। बता दें कि किसी भी प्रदोष व्रत के दिन त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल यानि संध्या के समय का बहुत ही महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल रविवार ही पड़ रहा है, इसलिए इसी दिन प्रदोष व्रत किया जाएगा। त्रयोदशी तिथि की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत के दिन करें भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप
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शिव मूल मंत्र- ॐ नमः शिवाय॥
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महामृत्युञ्जय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
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रुद्र गायत्री मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
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शिव गायत्री मंत्र- ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत करने से महादेव भक्तों की हर कामना को पूर्ण करते हैं। रवि प्रदोष के दिन व्रत करने और पूजा करने से भगवान शिव के साथ सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। दरअसल, रविवार का दिन सूर्य देव की उपासना के लिए समर्पित है। ऐसे में रवि प्रदोष का व्रत रखने से स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। साथ इस व्रत से सूर्य ग्रह से संबंधित दोष भी दूर होते हैं और कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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