2 साल की मेहनत लाई रंग! गिरिडीह के कर्तव्य ने JEE Main में मारी बाजी

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 12, 2025, 13:33 IST

JEE Main Result 2025: गिरिडीह के कर्तव्य विश्वकर्मा ने जेईई मेन में 98.4% हासिल कर टॉप किया. 2 साल तक कंसिस्टेंसी और डेडीकेशन उनकी सफलता का मुख्य कारण है.

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JEE Toper 2025- 2 साल किया जमकर मेहनत दिवाली में भी एक दिन के लिए भी घर नहीं गए,

हाइलाइट्स

  • कर्तव्य विश्वकर्मा ने JEE Main 2025 में 98.4 परसेंटाइल हासिल किया।
  • कर्तव्य ने रांची में रहकर कड़ी मेहनत और समर्पण से सफलता पाई।
  • कर्तव्य ने कोचिंग मैटेरियल्स और नियमित रिवीजन पर जोर दिया।

रांची. मंगलवार देर शाम जेईई मेन के रिजल्ट की घोषणा कर दिया गया, जिसके बाद गिरिडीह के रहने वाले कर्तव्य विश्वकर्मा गिरिडीह टॉपर बनें. उन्होंने 98.4 परसेंटाइल लाकर अपने सपने को पूरा किया. हालांकि, वह पढ़ाई रांची में रहकर ही किया करते थे और डेडीकेशन और कंसिस्टेंसी, ऐसा की दिवाली में भी एक दिन के लिए भी घर नहीं गए. आज यही मेहनत उनकी सफलता की कहानी कह रही है.

कर्तव्य ने लोकल 18 को बताया, कंसिस्टेंसी और डेडीकेशन यह दो चीज है. इसके बगैर यह परीक्षा पास कर पाना संभव नहीं है. मुझे याद है दिवाली का समय था और मैं रांची में रहकर पढ़ाई करता था. गिरिडीह में मेरा घर है, लेकिन मैं नहीं जाता था. क्योंकि एक दिन का पढ़ाई भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. अगर 1 दिन भी पढ़ाई छूट जाए, तो आपका पूरा का पूरा कंसिस्टेंसी टूट जाता है.

कोचिंग मैटेरियल्स से मिला काफी फायदा
कर्तव्य ने बताया, मुझे सबसे अधिक फायदा कोचिंग मैटेरियल से ही मिला है. मैंने Physics Wallah से कोचिंग ली और कोई बाहरी बुक बहुत अधिक नहीं पढ़ा. क्योंकि, मुझे ऐसा लगता है 10 बुक पढ़ने से अच्छा है एक ही बुक को 10 बार पढ़ना. इससे कॉन्सेप्ट और क्लियर होता है. ऐसे में मैंने कोचिंग पर काफी भरोसा किया और उन्होंने जो भी मटेरियल दिया. मैंने उसे 10 बार पढ़ा और 10 बार रिवाइज किया और 10 बार मॉक दिया.

उन्होंने बताया, बार-बार रिवीजन करना फिर मॉक देना, यह सबसे जरूरी होता है. हालांकि यह बात तो सारे लोग जानते हैं. लेकिन जो सबसे कठिन कार्य होता है. वह होता कंसिस्टेंसी को बनाए रखना. मैं हर दिन 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करता था. पहले तो बहुत मुश्किल होता था और मन नहीं लगता था पर धीरे-धीरे शरीर और मन को भी आदत हो गया.

पिता का रहा विशेष सहयोग
कर्तव्य ने बताया, पिता का बहुत ही बड़ा सहयोग रहा. कभी-कभी मार्क्स बहुत कम भी आते थे, तो वह कभी बोलते नहीं. वह कहते थे जो भी करो पूरी ईमानदारी से करो व टेंशन मत लो. वह कभी प्रेशर नहीं बनाते और नहीं कभी टोकते नहीं थे. ऐसे में मेरे ऊपर कभी भी कोई प्रेशर नहीं रहा. मार्क्स कम भी आता था, तो मुझे प्रोत्साहन करते थे व मेरी हर छोटी मोटी जरूरत का विशेष ख्याल रखते थे.

Location :

Giridih,Jharkhand

First Published :

February 12, 2025, 13:30 IST

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