दुनियाभर में अरबपतियों की संपत्ति 2024 में 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 15,000 अमेरिकी डॉलर हो गई है, जो 2023 की तुलना में 3 गुना अधिक है। ‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ की वैश्विक असमानता पर नवीनतम रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संपत्ति 2024 में औसतन 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन की दर से बढ़ी, जबकि अरबपतियों की संख्या 2023 में 2,565 से बढ़कर 2,769 हो गई। इसमें कहा गया, दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति औसतन प्रतिदिन लगभग 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर बढ़ी। वे रातोंरात अपनी संपत्ति का 99 प्रतिशत खोने पर भी अरबपति बने रहेंगे।
पिछले साल 204 नए अरबपति बने
ऑक्सफैम ने कहा कि 2024 में एशिया में अरबपतियों की संपत्ति में 299 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई। साथ ही उसने अनुमान लगाया कि अब से एक दशक के भीतर कम से कम पांच एक हजार अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोग होंगे। वर्ष 2024 में अरबपतियों की सूची में 204 नए लोग शामिल हुए। औसतन हर सप्ताह करीब 4 नाम इसमें शामिल हुए। इस वर्ष केवल एशिया से 41 नए अरबपति सूची में शामिल हुए। रिपोर्ट में ऑक्सफैम ने कहा कि ‘ग्लोबल नॉर्थ’ के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोग 2023 में वित्तीय प्रणालियों के जरिये ‘ग्लोबल साउथ’ से प्रति घंटे तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर हासिल करेंगे। अरबपतियों की 60 प्रतिशत संपत्ति अब विरासत, एकाधिकार शक्ति या सांठगांठ वाले संबंधों से प्राप्त होती है, जो दर्शाता है कि अरबपतियों की अत्यधिक संपत्ति काफी हद तक अनुपयुक्त है।
गरीबों के हालात में कुछ खास बदलाव नहीं
रिपोर्ट में विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 6.85 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की वास्तविक संख्या में 1990 के बाद से कोई खास बदलाव नहीं आया है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहार ने कहा कि हमारी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कुछ खास लोगों का कब्जा इतना बढ़ गया है, जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। अरबपतियों को रोकने में विफलता के कारण अब जल्द ही लोग खरबपति बनने जा रहे हैं। अरबपतियों की संपत्ति जमा करने की दर न केवल तीन गुना बढ़ गई है, बल्कि उनकी ताकत भी बढ़ गई है।