2025 में कंपनियों के लिए कर्ज लेना होगा आसान! आम आदमी की भी घटेगी ईएमआई

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Last Updated:January 19, 2025, 23:47 IST

Fitch Rating Agency : रेटिंग एजेंसी फिच ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अगले वित्‍तवर्ष में भारतीय कंपनियों के लिए चीजें और आसान होने वाली हैं. इसका फायदा आम आदमी को भी मिलेगा. एजेंसी ने यह भी बताया कि किस सेक्‍टर को सबसे...और पढ़ें

2025 में कंपनियों के लिए कर्ज लेना होगा आसान! आम आदमी की भी घटेगी ईएमआई

फिच रेटिंग ने अगला वित्‍तवर्ष कर्ज के लिए अच्‍छा बताया है.

नई दिल्‍ली. साल 2025 आम आदमी और बड़ी कंपनियों दोनों के लिए काफी फायदे का रहेगा. कॉरपोरेट जगत को आसानी से कर्ज मिलने का अनुमान है तो आम आदमी के लिए भी ईएमआई का बोझ भी कम हो जाएगा. साख तय करने वाली रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को बताया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगातार हो रही वृद्धि, बैंक क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुधार और 2025 में ब्याज दर में कटौती से आने वाला वित्‍तवर्ष बेहतर होने वाला है.

फिच ने अनुमान लगाया कि उच्च पूंजीगत व्यय के बावजूद कर पूर्व आय मार्जिन व्यापक होने से अगले वित्त वर्ष (अप्रैल 2025-मार्च 2026) में रेटिंग प्राप्त भारतीय कंपनियों के कर्ज लेना आसान हो जाएगा. हालांकि, वैश्विक स्तर पर जोखिमों, भारतीय रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट के दबाव के बीच ऊर्जा की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होने पर नकारात्मक जोखिम पैदा हो सकता है. इसके अलावा व्यापार संरक्षणवादी उपायों के कारण निर्यात में गिरावट आती है, तो इससे भी जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं.

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आरबीआई घटाएगा ब्‍याज दर
फिच ने ‘भारतीय कंपनियों के कर्ज रुख’ शीर्षक से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमें उम्मीद है कि भारत की जीडीपी में लगातार हो रही वृद्धि का परिदृश्य, बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत में सुधार और 2025 में नीतिगत दर में कटौती से वित्त वर्ष 2025-26 में कंपनियों के लिए कर्ज की पहुंच बेहतर और सुलभ होगा. यह उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल नीतिगत दर में कटौती कर सकता है. इससे पहले, आरबीआई ने नकदी बढ़ाने के मकसद से पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी.

ज्‍यादा नहीं रहेगी वृद्धि
फिच ने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2025-26 में फिच रेटिंग वाली कंपनियों के लिए कुल बिक्री वृद्धि एक से दो प्रतिशत तक सीमित रहेगी. यह मुख्य रूप से तेल, गैस उत्पादन और रिफाइनिंग तथा विपणन कंपनियों पर कम कीमतों के प्रभाव को दर्शाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में अलग-अलग वृद्धि देखने को मिलेगी. उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6.5 प्रतिशत होगी और मजबूत बुनियादी ढांचा खर्च के साथ सीमेंट, बिजली, पेट्रोलियम उत्पादों, इस्पात और इंजीनियरिंग और निर्माण (ई एंड सी) कंपनियों के लिए मांग बेहतर होगी.

किस सेक्‍टर को ज्‍यादा लाभ होगा
तेल और गैस उत्पादन तथा तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए बिक्री में हल्की कमी की आशंका है. इसका कारण कम कीमतें निम्न-से-मध्यम स्तर पर एकल अंक में मात्रा वृद्धि को संतुलित करती हैं. फिच को आईटी सेवा कंपनियों के लिए मध्यम स्तर पर केवल एकल अंक में बिक्री वृद्धि की उम्मीद है. इसका कारण प्रमुख विदेशी बाजारों में धीमी आर्थिक वृद्धि की आशंका है. घरेलू बाजार में बिक्री में हल्की वृद्धि और कम निर्यात के बीच वाहन आपूर्तिकर्ताओं के लिए बिक्री में वृद्धि मध्यम स्तर पर एकल अंक में रह सकती है. टेलीकॉम कंपनियों केा भी लाभ होगा.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

January 19, 2025, 23:47 IST

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