नई दिल्ली. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर गौतम अडाणी अमेरिकी कोर्ट के फैसले से विवादों में घिर गए हैं. हालांकि, ये दोनों मामले अलग-अलग हैं लेकिन इसकी आंच से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है. इस मामले में गौतम अडाणी कोर्ट के साथ-साथ विपक्ष के निशाने पर भी आ गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले के सामने आने के बाद गौतम अडाणी को गिरफ्तार करने की मांग की है. हालांकि, अडाणी ग्रुप ने अमेरिकी अदालत में लगे आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन बताया है और संभावित कानूनी विकल्पों पर विचार करने की बात कही है. आइये आपको बताते हैं कि अमेरिकी कोर्ट का यह फैसला, हिंडनबर्ग मामले से कितना अलग या बड़ा है. हालांकि, इससे पहले आपको हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के बारे में जानना होगा, जिसमें अडाणी समूह पर बड़ी गड़बड़ी के आरोप लगे थे.
कितना बड़ा था हिंडनबर्ग मामला
जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी से जुड़े आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी, 2023 को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडाणी ग्रुप के मालिक गौतम अडाणी ने 2020 से 2023 के बीच अपनी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में हेरफेर करके 100 बिलियन डॉलर से ज़्यादा की कमाई की थी.
क्या है अमेरिकी कोर्ट का फैसला
न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अडाणी समूह के मालिक गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अफसरों को 250 मिलियन डॉलर (2110 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का वादा किया था.
इस केस में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल पर रिश्वत के आरोप लगे हैं.
अब आगे क्या होगा
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद एक दिन में अडाणी ग्रुप के शेयरों का मार्केट कैप करोड़ों रुपये घट गया था. वहीं, अमेरिकी कोर्ट के फैसले के चलते आज भी अडाणी ग्रुप के शेयरों का बाजार पूंजीकरण करीब ढाई लाख करोड़ रुपये घट गया है.
देश का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी. अब फिर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अदालत के फैसले के बाद ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से इस मामले की जांच करने को कहा है. हालांकि, हिंडनबर्ग मामले में गौतम अडाणी को सेबी की जांच से राहत मिल गई थी, लेकिन इस मामले में उनके लिए आगे की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 13:47 IST