महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प मुकाबला चाच और भतीजे की पार्टी में देखने को मिला। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शरद पवार के नेतृत्व वाले दल NCP (SP) को 29 सीटों से हराते हुए कुल 41 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) केवल 10 सीटें ही जीतने में कामयाब रही, जबकि इसमें से छह सीटें उसने अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर जीती हैं।
NCP (SP) ने इस चुनाव में 86 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। वहीं, अजित पवार के नेतृत्व में NCP ने चुनावी रणनीति के दम पर 41 सीटों पर जीत दर्ज की, जो पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। महाराष्ट्र की राजनीति में इस चुनाव नतीजे ने एक नई दिशा तय की है, खासकर उस सूरत में जब अजित पवार और शरद पवार के नेतृत्व में दो प्रतिद्वंदी गुट सामने थे।
असली एनसीपी और शिवसेना की लड़ाई?
चूंकि चुनाव पहले राज्य की सियासत में असली एनसीपी और असली शिवसेना भी एक बड़ा मुद्दा रहा। शिवसेना के बंटवारे के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी में जमकर लड़ाई देखने को मिली, तो वहीं एनसीपी में भी दो गुट हुए। इसमें अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी-एसपी का मुद्दा छाया रहा। चारों दल यह साबित करने में जुटे रहे कि हम ही असली पार्टी हैं। हालांकि, अब जब नतीजे सामने आए तो देखा जा सकता है कि कानून लड़ाई में जिस गुट ने पार्टी का नाम और सिंबल जीता है, जनता ने उस पर ज्यादा भरोसा जताया है। तो अब देखना होगा कि चुनाव नतीजे के बाद असली एनसीपी और असली शिवसेना की लड़ाई खत्म होगी या नहीं।
महायुति को बड़ी जीत, MVA का सफाया
बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का सफाया हो गया है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से महायुति ने 235 सीटें जीती है, जबकि एमवीए सिर्फ 49 सीटों पर सिमट गया है। बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 132 सीटों पर बड़ी जीत हासिल की है। वहीं, महायुति गठबंधन में शामिल शिवसेना ने 57 सीटों पर जबकि एनसीपी ने 41 सीटों पर विजय पताका लहराया है।
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