5 किलो तक का वजन, स्वाद में बेजोड़, ये है देसी लौकी, किसान हो रहे मालामाल

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चिरवा

चिरवा लौकी की खेती कर किसान कमा सकता है लाखों

सहारनपुर: बेहट का गांव नुनिहारी, ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में मिसाल बनता जा रहा है. यहां के किसान सुरेंद्र कुमार ने देसी वैरायटी की चिरवा लौकी को बचाने और बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है. यह प्राचीन किस्म, जिसे किसान लगभग भूल चुके थे, अब सुरेंद्र की मेहनत से एक बार फिर चर्चा में है.

चिरवा लौकी आकार में गोल होती है और इसका वजन 3 से 5 किलो तक होता है. इसका स्वाद अन्य लौकियों से कहीं ज्यादा बेहतर है. मार्केट में इसकी मांग अधिक और दाम भी बेहतर मिलते हैं. सुरेंद्र कुमार इसे पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं, जिसमें न तो रासायनिक दवाओं की जरूरत पड़ती है और न ही महंगे खाद की.

मुनाफा ही मुनाफा
सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि चिरवा लौकी की खेती से किसानों को अन्य लौकियों के मुकाबले कई गुना अधिक मुनाफा हो सकता है. यह लौकी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसकी खेती पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है.

देसी बीजों का संरक्षण
सुरेंद्र कुमार ने चिरवा लौकी के बीजों का संरक्षण कर रखा है. वे इन बीजों को अन्य किसानों को निःशुल्क वितरित करते हैं, ताकि यह प्रजाति विलुप्त न हो. इसके अलावा, वे सरकार के बीज पंजीकरण उपक्रम के तहत अपने बीजों को रजिस्टर्ड कराने की दिशा में भी प्रयासरत हैं.

हाइब्रिड से अलग है देसी लौकी
सुरेंद्र का मानना है कि हाइब्रिड लौकी न केवल स्वाद में फीकी होती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी कमजोर होती है. इसके विपरीत, देसी लौकी का स्वाद और पोषण मूल्य अधिक होता है. चिरवा लौकी की खेती में लस्सी, गोमूत्र और देसी खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह पूरी तरह जैविक बनी रहती है.

स्वास्थ्य और खेती का लाभ
डॉक्टर अक्सर लौकी का जूस और सब्जी खाने की सलाह देते हैं. ऐसे में सुरेंद्र कुमार की यह चिरवा लौकी स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. उन्होंने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि देसी किस्मों को बचाने के प्रयासों में किसानों की भागीदारी बेहद जरूरी है.

भविष्य की योजनाएं
सुरेंद्र कुमार जल्द ही कुछ और देसी बीजों को अपने नाम से रजिस्टर्ड कराने की तैयारी कर रहे हैं. उनका उद्देश्य है कि देसी बीजों की पहचान को संरक्षित किया जाए और यह परंपरा भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचे. चिरवा लौकी जैसे पारंपरिक उत्पाद न केवल हमारे कृषि इतिहास को संजोते हैं, बल्कि किसानों को अधिक मुनाफा और उपभोक्ताओं को बेहतर स्वाद और गुणवत्ता प्रदान करते हैं.

Tags: Agriculture, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 16:58 IST

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