नई दिल्ली. अपने घर का सपना देखने वालों के लिए बड़ी खबर है. मोदी सरकार अगले 5 साल में देशभर में 1 करोड़ मकान का निर्माण करेगी. यह मकान सस्ते और किफायती दरों पर बेचे जाएंगे. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक (सबके लिए आवास) कुलदीप नारायण ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य पांच साल में एक करोड़ घरों का निर्माण करना है. इन मकानों को देश का कोई भी नागरिक खरीद सकता है.
नारायण ने अबू धाबी में आयोजित एक सम्मेलन में कहा, पिछले नौ साल में हमने 90 लाख किफायती घरों का निर्माण किया है, जो उससे पहले के दशक में बनाए गए घरों की संख्या का 10 गुना है. हमारा अगला लक्ष्य पांच वर्षों में एक करोड़ घरों का निर्माण करना है. इसका मकसद देश के हर नागरिक के लिए आवास को सुनिश्चित कराना है. यह जानकारी रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने दी है. उन्होंने बताया कि नारेडको ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया था.
20 साल तक तेज विकास दर
नारायण ने अपने संबोधन में कहा, ‘भारत में जिस तेजी से शहरीकरण हो रहा है, उसे देखते हुए इस दिशा में और अधिक प्रयासों की जरूरत है. हमारी आर्थिक वृद्धि दर अगले 20 साल में औसतन सात से आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके साथ बुनियादी ढांचे के लिए नए शहरों का विकास और नवोन्मेषी शहरी नियोजन महत्वपूर्ण है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम किसी नागरिक को मकान दिलाने की दिशा में बढ़ रहे हैं.
यूएई जैसे देशों से सीखने की जरूरत
नारायण ने कहा कि हमें यूएई जैसे देशों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत है, ताकि हम पर्यावरण-अनुकूल, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार शहरी परिवेश का निर्माण कर सकें. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में नारेडको के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, कि आज भारत और यूएई दुनिया में सबसे अच्छे मित्र हैं. इस सम्मेलन में भारत के 21 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए और हम टिकाऊ शहरी विकास में महत्वपूर्ण सबक लेकर वापस जा रहे हैं.
रियल एस्टेट का 15 फीसदी होगा योगदान
नारेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि वर्तमान में रियल एस्टेट क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान 7 प्रतिशत है. नीति आयोग के मुताबिक, भारत के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के साथ इस क्षेत्र का योगदान 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. यह वृद्धि रोजगार, निवेश और 270 सहायक उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. यूएई के साथ साझेदारी मजबूत करने से नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा और सतत विकास में तेजी आएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 12:00 IST