Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 07, 2025, 10:35 IST
Saharanpur Nakuleshwar Dham: सहारनपुर के कस्बा नकुड़ के नकुलेश्वर मंदिर में आज भी मौजूद है 5000 साल पुराना पीपल का वृक्ष. इस पीपल के वृक्ष पर गणेश जी साक्षात विराजमान हैं. संतान प्राप्ति के लिए लोग यहां दूर-दूर...और पढ़ें
5000 साल पुराने पेड़ से होती है पुत्र की प्राप्ति दूर-दूर तक है मान्यता
हाइलाइट्स
- सहारनपुर में 5000 साल पुराना पीपल का वृक्ष है.
- पीपल के वृक्ष पर गणेश जी की आकृति प्रकट हुई है.
- संतान प्राप्ति के लिए लोग दूर-दूर से जल चढ़ाने आते हैं.
अंकुर सैनी/सहारनपुर: सहारनपुर अपनी पुरानी धार्मिकता को आज भी संजोए हुए हैं. यहां पर सैकड़ों साल पुराने मंदिर, वृक्ष आज भी मौजूद हैं. सहारनपुर के नकुड़ कस्बे में स्थित शिवालय महादेव मंदिर (नकुलेश्वर धाम) में 5000 साल पुराना पीपल का वृक्ष आज भी मौजूद है. इस पीपल के वृक्ष पर गणेश जी साक्षात विराजमान हैं. बताया जाता है कि 5000 वर्ष पूर्व मंदिर की पश्चिम दिशा की ओर यमुना नदी बहती थी और नदी में चलने वाली सभी नावों को इस पेड़ से बांधा जाता था. इस पेड़ पर जो भी व्यक्ति जल चढ़ता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. पीपल के नीचे कृष्ण जी की बहन सुभद्रा का मंदिर भी बना हुआ है. लोग दूर-दूर से इस पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने आते हैं. लोगों का मानना है कि जब भी उन्होंने इस वृक्ष से जो भी मनोकामना मांगी है, उनकी मनोकामना पूर्ण भी हुई है. साथ ही संतान प्राप्ति के लिए लोग दूर-दूर से इस वृक्ष पर जल चढ़ाने भी आते हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर में पांडव रुका करते थे और भगवान शिव की आराधना करते थे. अब सरकार की ओर से इस मंदिर के विकास कार्य में 2 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिससे इसका सौंदर्यकरण कराया जाएगा.
संतान प्राप्ति के लिए इस पेड़ पर जल चढ़ाने आते हैं लोग
शिवालय महादेव मंदिर (नकुलेश्वर धाम) कमेटी के कोषाध्यक्ष विनोद कुमार वर्मा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह लगभग साढ़े 5 हजार साल पुराना शिवालय महादेव मंदिर है, जिसको नकुलेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में लगभग साढ़े 5 हजार साल पुराना पीपल का वृक्ष आज भी मौजूद है. पीपल के वृक्ष की पश्चिम दिशा में 5000 वर्ष पहले यमुना जी बहती थी. यमुना में चलने वाली सभी नावों की रस्सी इस पेड़ में बांधी जाती थी. हजारों साल पुराने इस पीपल के पेड़ में अब गणेश जी की आकृति प्रकट हुई है जो की देखने में साफ नजर आती है. इस गणेश जी की आकृति को देखने और इस वृक्ष पर जल चढ़ाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. खास बात यह भी है कि इस वृक्ष के पास कृष्ण जी की बहन सुभद्रा का मंदिर भी बना हुआ है. जिनकी शादी पांडव नकुल के भाई अर्जुन से हुई थी. खास बात यह भी है कि नकुल के नाम पर ही इस कस्बे का नाम नकुल पड़ा था. जिसको बाद में बदलकर नकुड़ कर दिया गया. लोग संतान प्राप्ति, धन प्राप्ति के लिए इस पेड़ पर जल चढ़ाने दूर-दूर से आते हैं.
Location :
Saharanpur,Saharanpur,Uttar Pradesh
First Published :
February 07, 2025, 10:35 IST
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