बागपत: सिसाना गांव में स्थित भगवान शिव का 500 वर्ष पुराना मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से अकाल मृत्यु का दोष और उसका भय दूर हो जाता है. दूर-दराज से लोग यहां भगवान शिव की आराधना कर अपने कष्टों से मुक्ति पाते हैं.मंदिर के मुख्य पुजारी कुलदीप कुमार ने बताया कि यह मंदिर अद्वितीय मान्यताओं से जुड़ा है.
कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वालों का अकाल मृत्यु दोष समाप्त हो जाता है. 1985 में महापुरुष ब्रजदास ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और यहां पूजा विधियों का विस्तार किया. ब्रजदास ने 14 वर्षों तक इस मंदिर में रहकर लोगों को विशेष पूजा पद्धतियां सिखाईं. उनका योगदान मंदिर के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ाता है.
श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
पुजारी ने बताया कि यह मंदिर सिसाना गांव के निवासियों को हर प्रकार के भय से मुक्त करता है. ब्रजदास जी ने 1999 में अपना शरीर त्याग दिया, लेकिन उनकी बताई विधियां आज भी लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु चमत्कारिक अनुभवों की बात बताते हैं. मंदिर की शिव प्रतिमा कई सौ वर्षों पुरानी है और इसका ऐतिहासिक महत्व इसे खास बनाता है.
देशभर से आते हैं श्रद्धालु
सिसाना गांव का यह शिव मंदिर दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर स्थित है, जहां गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से लोग भगवान शिव की पूजा के लिए आते हैं. सावन माह में यहां भजन-कीर्तन और विशेष आयोजनों का माहौल रहता है. सोमवार के दिन मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं.
यह प्राचीन मंदिर न केवल स्थानीय निवासियों की आस्था का केंद्र है, बल्कि दूर-दराज से आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी करता है. सभी प्रमुख पर्व और त्योहार यहां हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं, जिससे यह मंदिर और भी जीवंत हो उठता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 17:13 IST
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