7 साल की बच्ची से दुष्कर्म, कोर्ट ने माना हैवान, दी इतनी खौफनाक सजा

2 hours ago 2

Last Updated:February 08, 2025, 11:13 IST

पिछले साल फरवरी में सात साल की बच्ची से रेप के मामले में अब इंदौर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए रेपिस्ट को तीन बार मृत्यदंड की सजा दी गई है.

7 साल की बच्ची से दुष्कर्म, कोर्ट ने माना हैवान, दी इतनी खौफनाक सजा

दस महीने ट्रायल के बाद कोर्ट ने मामले में सुनाया फैसला (इमेज- फाइल फोटो)

आज के समय में अपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी है. पहले भी रेप जैसे अपराध होते थे. लेकिन समाज के डर से लोग अपने साथ हुई हैवानियत को छिपा लेते थे. लेकिन अब लोगों का कानून में भरोसा जाग गया है. कोर्ट भी पूरी कोशिश करता है कि ऐसे अपराधियों को ऐसी सजा दी जाए कि बाद में कोई भी दुबारा इन अपराधों को करने का साहस ना जुटा पाए.

हीरनगर में 27 फरवरी 2024 को रेप का ऐसा मामला सामने आया था, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया था. एक कचरा बीनने वाले शख्स ने सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. अपराधी की पहचान देवास के रहने वाले मंगल पवार के तौर पर हुई थी. वो खेल रही बच्ची को बहलाकर सुनसान जगह पर ले गया. वहां उसके साथ दुष्कर्म कर फरार हो गया. लेकिन अब कोर्ट ने उसे उसके अपराधों की कठोर सजा सुनाई है.

तीन बार मिलेगा मृत्यदंड
इस रेप केस का ट्रायल 10 महीने चला. इस दौरान बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर्स के अलावा कई अन्य लोगों की गवाही ली गई. आखिरकार अब जाकर कोर्ट ने इस केस को विरलतम माना है. फैसला सुनाने वाले द्वितीय अपर सत्र न्यायधीश एवं विशेष न्यायालय की जज सविता जडिया ने कहा कि रेपिस्ट की मानसिकता ऐसी है कि वो भविष्य में भी ऐसा कर सकता है. ऐसे में इसे विरलतम मामला माना जा रहा है. अपराधी को तीन बार मृत्यदंड की सजा दी जाती है.

बच्ची की हालत देख कांप गए थे डॉक्टर्स
अपराधी ने मात्र सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. उसके प्राइवेट पार्ट्स बुरी तरह जख्मी हो गए थे. डॉक्टर्स को कई सर्जरी करनी पड़ी थी. बच्ची को बीस दिन एडमिट कर रखा गया था. उसकी गंभीर स्थिति देख उसके जिंदा बचने की उम्मीद नहीं थी लेकिन बच्ची ने चमत्कारिक तौर पर रिकवरी कर डाली थी. कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में जब लड़की जिंदा बच जाती है तो उसकी जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है. ऐसे में अपराधी को ऐसी सजा मिलनी चाहिए, जिसके बाद पीड़िता का दर्द थोड़ा कम हो सके.

First Published :

February 08, 2025, 11:13 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article