Last Updated:January 19, 2025, 08:42 IST
Age Of Consent For Relationship: दुनिया तेजी से बदल रही है. भारत सहित अन्य विकासशील देशों में लड़कियां सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. लेकिन, कुछ इस्लामिक देश ऐसे हैं जो जाहिलों का देश बनता जा रहा है. एक बड़ा इस्लामिक देश संबंध...और पढ़ें
दुनिया के तमाम देशों में मानवाधिकारों को लेकर मुहिम चलाए जा रहे हैं. खासकर महिलाओं को मुखर बनाने और उनको एक वस्तु नहीं समझने की मुहिम चलाई जा रही है. अपने देश में भी इस तरह के प्रयासों के फल देखने को मिले हैं. आज भारत और पश्चिमी देशों में महिलाएं, पुरुषों के साथ हर एक क्षेत्र में बराबरी कर रही हैं. लेकिन, दुनिया में आज भी कई ऐसे देश हैं जहां महिलाओं की स्थिति नरक जैसी बना दी गई है. कुछ साल पहले तक इन देशों की गिनती दुनिया एक प्रगतिशील देशों में होती लेकिन, अब महिलाओं को इंसान मानने तक तैयार नहीं हैं. ये पूरी तरह से जाहिल लोगों के देश बन गए हैं.
आज एक ऐसे ही देश की कहानी जहां महिलाओं के संबंध बनाने की लीगल उम्र 18 साल से घटाकर 9 साल करने की तैयारी चल रही है. यह एक इस्लामिक मुल्क है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं इराक की. यहां आपसी सहमति से सेक्स की उम्र घटाकर नौ साल करने की तैयारी चल रही है. दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे बच्चियों से बलात्कार को कानूनी मान्यता देना बता रहे हैं.
दरअसल, बीते साल नवंबर-दिसंबर में इराकी संसद में बारे में कानून बनाने का प्रस्ताव आया था. इस वक्त इराक की संसद में शिया बहुल नेताओं का प्रभाव है. सद्दाम हुसैन के वक्त तक इराक एक प्रगतिशील देश माना जाता था. उस वक्त तलाक, विवाह और बच्चों की कस्टडी को लेकर बने कानून बेहद आधुनिक माने जाते थे. उसमें लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल थी.
दुनिया के मानवाधिकार कार्यकर्ता चिंतित
इराकी संसद की इस पहल की दुनिया भर के मानवाधिकार समर्थक कार्यकर्ता आलोचना कर रहे हैं. इस बारे में एक संस्था वर्ल्ड फॉर गर्ल्स की सीईओ क्ले डन का कहना है यह इराकी कानून, जो लड़कियों को 9 साल की उम्र में विवाह करने की अनुमति दे सकता है, न केवल लाखों लड़कियों के अधिकारों को नकारेगा, बल्कि यह समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बनेगा. मानवाधिकार से जुड़े लोगों का कहना है कि यह कानून लड़कियों को शिक्षा और अन्य अवसरों से वंचित करने वाला है. इससे गरीबी को बढ़ावा मिलेगा. मौजूदा वक्त में ही दुनिया में हर साल 1.2 करोड़ लड़कियों को कम उम्र में शादी के लिए मजबूर किया जाता है. बीते साल नवंबर-दिसंबर के बीच इसको लेकर इराकी संसद में प्रस्ताव लाया गया था.
इराक की संसद अगर यह कानून बना देती है तो आधुनिक युग में यह मानवता के चेहरे पर एक गहरा धब्बा होगा. नौ साल की उम्र में लड़कियां या लड़के दुनियादारी के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. उनका शारीरिक विकास ऐसा नहीं होता कि वे शारीरिक संबंध बना सकें. आमतौर पर इस उम्र में लड़कियों का पीरियड भी शुरू नहीं होता. ऐसी बच्चियों को हमारे अपने भारत की संस्कृति में पूजा जाता है. लेकिन, इराक जैसे इस्लामिक देश में उनको हवस की पूर्ति का वस्तु बना दिया गया है.
First Published :
January 19, 2025, 08:42 IST
9 साल की बेटियों के साथ संबंध लीगल... जाहिलों का मुल्क बना ये इस्लामिक देश!