Last Updated:February 04, 2025, 05:01 IST
दिल्ली चुनाव के वो 10 फैक्टर जो तय करेंगे कि आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की जीत होगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस पासा पलट देंगे.
दिल्ली का चुनावी शोर थम चुका है. अब वोटर्स को घर से निकालने की बारी है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी पार्टी 55 सीटें जीत रही है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने उनके दावों को हवा में उड़ा दिया. कहा, केजरीवाल चुनाव हार रहे हैं, इसलिए पहले ही ईवीएम का रोना रो रहे हैं. लेकिन आज हम आपको वो 10 फैक्टर बताने जा रहे हैं, जो दिल्ली चुनाव में हार जीत की दिशा तय करेंगे. यही फैक्टर तय करेंगे कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी फिर सरकार बनाएगी, या फिर बीजेपी या कांग्रेस उसे पटखनी देंगे.
1. वोटिंग परसेंटेज… दिल्ली में 2015 में 67.13% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी. लेकिन दोनों ही बार शनिवार को मतदान हुआ था. वीकेंड होने की वजह से तमाम लोग छुट्टियां मनाने चले गए थे. इस बार बुधवार को वोटिंग होने की वजह से मतदान प्रतिशत बढ़ना तय है. यह किस ओर जाएगा, यह चुनाव के वक्त पता चलेगा.
2. स्प्लिट वोटर… 2004 लोकसभा चुनाव के बाद स्प्लिट वोटिंग का पैटर्न देखने को मिला है. यानी लोकसभा में किसी और के साथ और विधानसभा में दूसरी पार्टी के साथ. इसमें वोटर चुनाव का स्तर देखकर वोट करते हैं. इनमें से बहुत सारे लोगों का किसी पार्टी से बंधन नहीं. दिल्ली में तमाम लोग ऐसे हैं जो अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी दोनों के फैन हैं और वोटिंग उसी हिसाब से करते हैं.
3. पैसनैलिटी…चेहरा सबसे बड़ा मुद्दा होने वाला है. आम आदमी पार्टी के पास अरविंद केजरीवाल का एक भरोसेमंद चेहरा है. तो वहीं, बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है. इसलिए इस बार मुकाबला दो बड़े चेहरों के बीच है. दोनों की मास अपील है लेकिन दिल्ली चुनाव में जनता को किस चेहरे पर भरोसा होगा, यह आने वाला वक्त बताएगा.
4. कैडर… बीजेपी आखिरी वक्त में अपने वोटरों को निकालने में माहिर मानी जाती है. संघ की मदद से हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में वो कमाल करके दिखाया है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस बार संघ ने पूरी ताकत झोंक दी है और उसने 50 सीटें जीतने का टारगेट रखा है, जो बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है. लेकिन आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है. उसका कैडर भी मजबूत है.
5. फ्री की योजनाएं…आम आदमी पार्टी फ्री बिजली, फ्री पानी समेत कई योजनाओं का लाभ पहले से दे रही है. महिला सम्मान योजना में आप 2100 देने का ऐलान कर चुकी है, तो बीजेपी 2500 देने का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी ने भी ऐलान किया है, वह किसी भी योजना को बंद नहीं करने वाली. ऐसे में दोनों के पास एक ही तरह का पैकेट है, अब देखना होगा कि किसके पैकेट पर जनता को भरोसा होगा.
6. जाति-धर्म… दिल्ली में जाति को बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन धार्मिक मुद्दे पर वोट पड़ सकता है. बीजेपी इसे खेलने की कोशिश कर रही है. उधर, आम आदमी पार्टी की अल्पसंख्यकों के एक बड़े वर्ग तक पहुंच रही है. लेकिन कांग्रेस उस पर डेंट डालने की कोशिश में है. चुनाव नतीजे तय करेंगे कि दिल्ली में अल्पसंख्यकों का भरोसा कौन जीत पाता है.कई सीटें ऐसी हैं, जहां त्रिकोणीय मुकाबला काफी मजबूत है. यहां पलड़ा किसी भी ओर जा सकता है. इसलिए आखिर तक ये अनुमान लगा पाना मुमकिन नहीं कि किस पार्टी को सीट मिलेगी. खासकर, उन सीटों पर जहां कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेताओं का परिवार मुकाबले में है.
7. महिला वोटर… महिला वोटर एक बड़ा फैक्टर होने वाला है. सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्हें 2100 या 2500 देने का ऐलान किया गया है, बल्कि इसलिए भी शराब घोटाले का सबसे ज्यादा दंश उन्होंने ही झेला है. दिल्ली में जब शराब ठेकों के खिलाफ आंदोलन की मुहिम शुरू हुई थी, तब महिलाओं ने ही उसका नेतृत्व किया था. महिलाएं जानती हैं कि शराब का उनके परिवार पर कितना असर होता है.
8. व्यवसाय… जैसे नौकरी पेशा लोग, ऑटो वाले, व्यापारी और कारोबारी. केजरीवाल ने ऑटो वालों के लिए योजनाओं का ऐलान किया तो बीजेपी ने भी. कारोबारियों को छूट देने की बात दोनों ने की. लेकिन मास्टर स्ट्रोक बीजेपी खेल गई, जब उसने 12 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया है. दिल्ली में तकरीबन आधी आबादी को इसका सीधा लाभ मिला है.
9. झुग्गी बस्तियां और गांव…झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों का झुकाव 2020 में आम आदमी की ओर दिखा था. लेकिन इस बार 6 महीने पहले से ही आरएसएस के लोग दिल्ली के गांवों में काम कर रहे हैं. उन्हें बता रहे हैं कि बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें किस तरह का फायदा होने वाला है. इसका असर चुनाव पर पड़ सकता है.
10. वोटिंग पैटर्न… कहा जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी के 5 फीसदी वोट बीजेपी काट ले और 5 फीसदी वोट कांग्रेस के पास चला जाए, तो आम आदमी पार्टी को मात देना आसान हो जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी कई सीटों पर काफी ज्यादा वोटों से जीतती रही है और लेकिन बहुत सी सीटें हैं, जहां अंतर काफी कम रहता है. इसलिए कम वोटिंग अंतर से भी बड़ी जीत हो सकती है.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 04, 2025, 05:01 IST