नई दिल्ली. अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने गौतम अडानी और अडानी समूह से जुड़े 7 अन्य लोगों पर पर 2,100 करोड़ रुपये (250 मिलियन डॉलर) के रिश्वत घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई. अमेरिका से यह खबर आने के बाद आज अडानी समूह के सभी स्टॉक्स बुरी तरह गिर गए. गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य में लगभग 22 अरब डॉलर की गिरावट आई. गौतम अडानी का नाम अमेरिका में रिश्वत कांड में आने के बाद आगे अडानी समूह के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है. अगर ऐसा होता है तो इसका असर बहुत से भारतीय बैंकों पर भी होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने अडानी समूह की कंपनियों को भारी-भरकम कर्ज दे रखा है.
31 मार्च, 2024 तक अडानी ग्रुप पर कुल 2,41,394 करोड़ रुपये का कर्ज था जिसमें से 88,100 करोड़ रुपये उसने भारतीय बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) से लिए थे. 31 मार्च, 2023 तक ग्रुप पर कुल कर्ज 2,27,248 करोड़ रुपये था और भारतीय बैंकों का इसमें हिस्सा 70,213 करोड़ रुपये था. स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक आदि बैंकों ने अडानी समूह को कर्ज दिया हुआ है. किस बैंक ने अडानी समूह को अब कितना कर्ज दे रखा है, इसकी जानकारी तो फिलहाल सामने नहीं आई है. लेकिन, जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कई घरेलू बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने अडानी ग्रुप में अपने एक्सपोजर की जानकारी दी थी.
उस समय एलआईसी ने ग्रुप में 35920 करोड़ रुपये के एक्सपोजर की बात मानी थी जिसमें 30,130 करोड़ रुपये इक्विटी में और 5790 करोड़ रुपये कर्ज में था. एसबीआई का कुल एक्सपोजर 27 हजार करोड़ रुपये का था. वहीं एक्सिस बैंक का 9220 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक का 7 हजार करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा का 5380 करोड़ रुपये और इंडसइंड बैंक का एक्सपोजर 4150 करोड़ रुपये का था. तब से अब तक इन आंकड़ों में बदलाव होने की संभावना है.
विदेशी बैंकों से भी लिया है कर्ज
भारतीय बैंकों के साथ ही अडानी समूह ने वैश्विक बैंकों से लोन लिया है. मार्च, 2024 के अंत तक विदेशी बैंकों ने अडानी समूह को ₹63,296 करोड़ लोन के रूप में दे रखे थे. एक साल पहले यानी मार्च 2023 में यह कर्ज ₹63,781 करोड़ था. मार्च 2024 तक ग्रुप ने ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स से ₹72,794 करोड़ कर्ज ले रखा था.
लोन की प्रकृति
अडानी ग्रुप के कुल कर्ज का 92% यानी 2 लाख 22 हजार करोड़ रुपया लॉन्ग टर्म लोन के रूप में ले रखा है. लॉन्ग टर्म लोन को वापस करने की अवधि 1 साल से ज्यादा होती है. ऐसे लोन अक्सर कंपनियां बिजनेस बढ़ाने या किसी नए प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए लेती हैं. माने वो लोन जिसे वापस करने की अवधि और आमदनी होते ही इस कर्ज को चुका देती हैं. अडानी समूह के कुल कर्ज का 8% यानी करीब 19 हजार करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल लोन के रूप में लिया. इस लोन को चुकाने की अवधि 1 साल से कम होती है. इस कर्ज का इस्तेमाल अक्सर कंपनियां अपने रोजमर्रा के काम, जैसे कर्मचारियों को सैलरी देने या रेंट चुकाने के लिए करती हैं. अडानी ग्रुप ने लॉन्ग टर्म लोन भारतीय बैंकों से ज्यादा ले रखा है.
समूह का बढ़ा है प्रॉफिट भी
अडानी समूह का कर्ज बढ़ा है. इसके साथ ही ग्रुप का कारोबार और प्रॉफिट में भी वृद्धि हुई है. अडानी समूह के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में पिछले दस वर्षों में जोरदार उछाल आया है. पिछले वित्त वर्ष यानी साल 2023-24 में ये करीब 83 हजार करोड़ हो गया. इसी तरह समूह का नेट प्रॉफिट भी जोरदार तरीके से बढ़ा है. साल 2009 में अडानी ग्रुप का नेट प्रॉफिट करीब 500 करोड़ रुपये था. ये 2024 में 30 हजार करोड़ के पार हो गया. यानी सिर्फ 15 साल में नेट प्रॉफिट 60 गुना बढ़ा.
Tags: Adani Group, Business news, Gautam Adani
FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 13:09 IST