Last Updated:January 11, 2025, 21:15 IST
Budget 2025: इस बार भी उम्मीद यह लगाई जा रही है कि इस बार भी 1 फरवरी को ही आम बजट पेश किया जाए. इसके लिए भी तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि, इन सबके बीच इस आम बजट से जहां नौकरी पेशा हो या फिर...और पढ़ें
जहानाबाद:- आम बजट 2025 पेश होने में अब एक महीने से भी कम समय रह गया है. बजट देश का सबसे बाद फाइनेशियल इवेंट होता है, जिसमें नीतियां, योजना और टैक्स को लेकर कई फैसले लिए जाते हैं. इसका सीधा असर आम लोगों से लेकर खास लोगों तक को पड़ता है. कई सालों से 1 फरवरी को बजट पेश किया जा रहा है. इस बार भी उम्मीद यह लगाई जा रही है कि इस बार भी 1 फरवरी को ही आम बजट पेश किया जाए. इसके लिए भी तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि, इन सबके बीच इस आम बजट से जहां नौकरी पेशा हो या फिर किसान हो या ऑटो रिक्शा वाले हो, सबको केंद्र सरकार की बजट से उम्मीदें हैं.
ऐसे में महिलाओं को भी इस बार के आम बजट से क्या कुछ उम्मीदें हैं, इसे लेकर लोकल 18 की टीम ने जहानाबाद के कुछ गृहिणी और कामकाजी महिलाओं से बात की. इस पर ये सभी महिलाएं सरकार से महंगाई कम करने की उम्मीद लगाए बैठी हैं. लोकल 18 से बात करते हुए जहानाबाद की रहने वाली शशि कुमारी सिन्हा ने बताया कि इस बार के बजट में हमारी उम्मीदें हैं कि गृहिणियों के लिए जितनी सारी उपयोग की वस्तुएं हैं, उनकी कीमत कम किया जाए, ताकि घर का बजट बैलेंस बिगड़ न जाए. जिस तरह से महंगाई ताबड़तोड़ बढ़ रही है, वो मध्यम वर्गीय परिवार के लिए नुकसानदायक है. इससे घर का पूरा का पूरा बजट बिगड़ हो गया है.
सिलेंडर की कीमत में बेतहाशा वृद्धि
उन्होंने आगे बताया कि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी ही हुई, इस बार यह उम्मीद लगाई बैठी हूं कि कुछ कीमत में कमी हो जाए या फिर सब्सिडी जैसे पहले दिया जा रहा था, उस तरह से मिलना शुरू हो जाए. इससे बहुत सारे परिवारों को काफी राहत मिलेगी. आप खान-पान की चीजों को सस्ते दरों पर उपलब्ध करवाएं. इसके इतर लक्जरियस चीजों की कीमतों में इजाफा करें, दिक्कत नहीं है. वहीं, एक अन्य स्थानीय महिला अमला श्रीवास्तव ने कहा कि हमें इस बार भी बजट से कोई उम्मीद नहीं लग रही है. पिछले कई सालों से ही महंगाई बढ़ रही है, लेकिन कहां देख रहे हैं कि कीमत पर इस सरकार ने नियंत्रण किया है. गैस सिलिंडर जो हम 400 रुपए में ही खरीदते थे, आज वही सिलेंडर की कीमत हमें 950 रुपए देने पड़ रहे हैं.
‘अब करें तो क्या करें?, हर बात में लगता है GST’
उन्होंने Local 18 से आगे कहा कि किचन से मसाला बाहर हो गया है. यही सोचिए कि लहसुन की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. हर चीज जो रोज के इस्तेमाल की है, वो सब के दाम में वृद्धि हुई है. आमदनी अठ्ठनी खर्चा रुपैया… वाला तो हिसाब किताब हो गया है. अब करें तो क्या करें? यहां तो हर बात में जीएसटी लग रहा है. हम कपड़ा का दुकान खोल रखे हैं. अगर हम 100 रुपए का कपड़ा लाते हैं, तो उसमें 5 प्रतिशत जीएसटी ही लग जा रहा है. अगर जीएसटी नहीं रहता, तो हम लोगों को कुछ और फायदा हो सकता था. वहीं, जहानाबाद की ही रहने वाली विभा बताती हैं कि महंगाई कम होने के बदले बढ़ती ही जा रही है. इस बार देखिए कि क्या कुछ होता है, उम्मीद है कि सरकार इस बार महंगाई कम करे.
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सरकार से इस महिला ने की गुजारिश
वहीं, एक अन्य महिला ने पीएम मोदी से गुजारिश की है कि हम लोगों को महंगाई से राहत दी जाए. कम से कम रोजमर्रा की जिन्दगी वाले समानों की कीमत में कमी की जाय, ताकि हम सबकी जिंदगी अच्छे से चल सके. गैस सिलेंडर के दामों में कमी हो. राशन की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण हो और मसाला की बढ़ती कीमत पर भी थोड़ा ध्यान दिया जाए, जिससे किचेन का बजट न गड़बड़ हो पाए, संतुलन बना रहे.