नई दिल्ली:
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एनडीटीवी के खास कार्यक्रम ‘NDTV INDIA संवाद- संविधान @75' में खुलकर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. इस दौरान कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने दिलचस्प किस्सा सुनाया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि कॉलेज के दिनों में वह दिल्ली की फेमस मार्केट कनॉट प्लेस में घूमने जाया करते थे. उन दिनों वह डीटीसी की बसों में सफर करते थे और दोस्तों के साथ कनॉट प्लेस में टाइम पास करने जाते थे.
कॉलेज के दिनों का दिलचस्प किस्सा साझा करते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया, 'कनॉट प्लेस में तो हमने काफी टाइम पास किया है. जब हम कॉलेज में थे, तब हम कहते थे सीपी में टीपी. कई लोग पूछते थे कि ये सीपी में टीपी क्या है? इसका मतलब हमारे लिये था- कनॉट प्लेस में टाइम पास. एक समय ऐसा भी था, जब हम सीपी में टीपी करते थे. मैं डीटीसी की बस से केंद्रिय सचिवालय से दिल्ली यूनिवसिर्टी जाता था. कभी मन करता था, तो 101 नंबर बस से जाता थे, वो लालकिले के सामने से होकर लेकर जाती थी. हम बेहद साधारण जिंदगी जिया करते थे.
सोशल मीडिया में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हमेशा वायरल हो जाते हैं. लेकिन वह कभी सोशल मीडिया पर नहीं रहे. एक सोशल मीडिया पोस्ट आया था कि डीवाई चंद्रचूड़ ने लिखा है- वह कनॉट प्लेस में हैं, कॉलेजियम मीटिंग खत्म हो गई है. वह शॉपिंग के लिए आए हैं, उन्हें ऑटों के किराये के लिए 500 रुपये चाहिए... डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट दिखाकर एक शख्स ने किसी को डिजिटल अरेस्ट भी कर लिया था. यह देखकर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को कैसा लगता है? उन्होंने बताया, 'सोशल मीडिया की जहां तक बात करूं, तो जब मैं जज था, तब हर चीज तो नहीं देख पता था. क्योंकि हम जिस प्रोफेशन में होते हैं, तो हमें उसी पर पूरा ध्यान देना होता है. मेरी कोर्ट के क्लर्क सोशल मीडिया पर रहते थे और वे मुझसे गुजारिश करते थे कि मैं सोशल मीडिया कमेंट्स का ना पढ़ें. हम आपको लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट्स पढ़ते हैं, तो हमें बड़ी निराशा होती है. कई बार बहुत गलत चीजें जजों के बारे में लिखा जाता है.'
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैंने अपनी फेरयवेल स्पीच में भी कहा था- सोमवार 11 नवंबर की सुबह से मेरी बातों को ट्रोल करने वाले बेरोजगार हो जाएंगे, क्यों अब वे किसके बारे में लिखेंगे. मैं सोशल मीडिया पर नहीं था और न ही इसे फॉलो करता हूं. हां, मैं यूट्यूब पर अच्छी-अच्छी चीजें जरूर देखता हूं. गजले और क्लासिकल म्यूजिक सुनता हूं, विदेशी म्यूजिक भी सुनता हूं. शेरों-शायरी भी पढ़ता हूं. क्रिकेट को भी फॉलो करता हूं, लेकिन सोशल मीडिया पर नहीं रहता हूं.'
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