Last Updated:January 31, 2025, 14:05 IST
बजट सत्र के अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत एआई मिशन का जिक्र किया है. हाल ही में चीन के डीपसीक के आने से सवाल उठ रहे हैं कि भारत दुनिया में एआई के लिहाज से कहां है. राष्ट्रपति ने भारत एआई म...और पढ़ें
इस साल के बजट सत्र (Budget Session 2025) की शुरुआत में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने भारत एआई मिशन का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के जरिए भारत इस अग्रणी प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकेगा. इसके अलावा हाल ही में जिस तरह से चीन के नए एआई डीपसीक ने मशहूर चैटजीपीटी को पछाड़ कर दुनिया में तहलका मचाया है, उससे यह देखना जरूरी है कि भारत एआई के लिहाज से दुनिया में कहां ठहरता है. और एआई के लिहाज से बदलती दुनिया में भारत कैसे आगे बढ़ने की योजना बना रहा है. आइए इन्हीं सब बातों पर गौर करते हैं.
अभी कहां है भारत?
डीपसीक लॉन्च करने के बाद एआई और एलएलएम एवं एआई जेनेरेटिव मॉडल के संसार में चीन ने नई महाशक्ति के रूप में एक बहुत ही बड़ी छलांग लगाई है. इसे देखते हुए यह सवाल हर जगह पूछा जाने लगा था कि भारत कहां हैं और इस क्षेत्र क्या करने जा रहा है? इसमें कोई शक नहीं कि भारत अमेरिका और चीन से पीछे है, लेकिन दुस्टैनफोर्ड एचएआई की ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी रैंकिंग में निया में वह चौथे स्थान पर है. इसके पीछे 16.8 फीसदी एआई हारिंग ग्रोथ, जिटहब प्रोजेक्ट और संभावित एआई शक्ति के रूप में दिखते रहना प्रमुख वजह हैं.
क्या है इंडिया की प्लानिंग
भारत में एआई मार्केट और उद्योगों और शोधकर्ताओं की रफ्तार ने दुनिया में काफी उम्मीदें जगाई हैं. डीपसीक आने के बाद से सरकार भी अपनी एआई योजनाओं को रेखांकित करने में चुस्ती दिखा रही है. हाल ही में केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत भी खुद का जेनेरेटिव एआई मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मॉडल से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा.
चीन के हाल ही में आए डीपसीक चैटबोट आने के बाद भारत की एआई की स्थिति पर सवाल उठने लगे थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्या है इंडिया एआई मिशन
भारत सरकार का इंडिया एआई मिशन का मकसद इस तरह की एआई एप्लिकेशन्स विकसित करना है, जिन्हें कृषि, स्वास्थ्य सेवाएं, मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हो सकें और उनका लाभ अधिक से अधिक आम लोगों को मिल सके. मिशन का मकसद वर्तमान एआई इकोसिस्टम के बीच के अंतर को पाटना और भारत को एआई तकनीकी और ऐप के विकास में एक हब के तौर पर उभारना है.
क्या हासिल कर चुका है इंडिया एआई मिशन
एआई मॉडल्स की क्षमता को ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट से आंका जाता है. चीन का डीपसीक 2000 जीपीयू का है, भारत अभी तक 1800 जीपीयू हासिल कर चुका है. सरकार का मकसद सभी भारतीय भाषाओं के लिए लार्ज लैंग्वेंज लेवल के एआई मॉडल विकसित करना है. सरकार को उम्मीद है कि इस दिशा मे 8 से 10 महीनों में नतीजे देखने को मिल सकते हैं.
क्या है राष्ट्रीय क्वांटम मिशन
केवल एआई ही अकेला तकनीकी क्षेत्र नहीं है जहां भारत की निगाहें. इसके अलाव क्वांटम तकनीकी की बढ़ती संभावनाओं के कारण भी भारत को इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है. इसी को देखते हुए देश में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन बनाया गया है. इसका मकसद देश में ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना है जिससे देश में क्वांटम तकनीक की वैज्ञानिक और औद्योगिक शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जा सके. 2023 में इसके लॉन्च होने के बाद से अब तक 40 से ज्यादा स्टार्टअप्स इसमें काम शुरू किया है.
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अगले कुछ सालों में कहां होगा भारत
वैष्णव ने इस ओर इशारा भी किया कि भारत अगले कुछ सालों में काफी आगे निकल सकता है. उन्होंने बताया कि भारत आई पार्टी में लेट नहीं पहुंचा है और जल्दी ही नवाचार या इनोवेशन के मामले में दुनिया में अपना स्थान बना कर बड़ी भूमिका निभाएगा. भारत का सरकार का मकसद इन तकनीकों में खुद कुछ ना कर निजी क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देना है जिससे देश में मजबूत व्यवसायिक माहौल बन सके. सरकार को यकीन है कि नतीजे जल्दी देखने को मिलने लगेंगे.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
January 31, 2025, 14:05 IST