Explainer: आखिर क्यों खिसकती जा रही है पृथ्वी की अपनी धुरी, क्या भारत से है इस

1 hour ago 2

थ्वी में हाल के कुछ दशकों में वैज्ञानिक कई स्तर पर बदलाव देख रहे हैं. उत्तरी ध्रुव का जगह बदलना, पृथ्वी की घूमने की गति में बदलाव उनमें शामिल हैं. अब एक नए अध्ययन ने पाया कि पृथ्वी अपनी जिस धुरी पर घूम रही है, अब उसमें भी बदलाव आ रहा है, उन्होंने पाया है कि इस धुरी का झुकाव बदल रहा है और यह अब 31.5 इंच तक पहुंच चुका है. इस स्टडी के मुताबिक इसकी वजह भी मानवीय गतिविधियां और इस बार कारण हमारा जमीन के अंदर के पानी को बहुत ज्यादा मात्रा में निकालना है. लेकिन नतीजे बता रहे हैं इसका संबंध भारत से भी हो सकता है.

जगह बदल रहा है ये ध्रुव
जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि  जमीन के अंदर पानी बहुत ज्यादा निकालने की ही वजह से पृथ्वी के घूर्णन का ध्रुव अपनी जगह बदल रहा है यानी ध्रुव के बिंदु खिसक रहे हैं. यह इंसान के कारनामों का कुदरत पर बुरे असर की एक और मिसाल बनती दिख रही है. इस वजह में भारत की भी एक खास भूमिका दिख रही है.

इतना पानी निकाला है हमने
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के की-वेन सेओ की अगुआई में किए गए शोध से पता चलता है कि 1993 से 2010 के बीच जमीनी पानी की कमी के कारण पृथ्वी का ध्रुव लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर खिसक गया. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अध्ययन अवधि के दौरान इंसानों ने लगभग 2,150 गीगाटन जमीनी पानी बाहर निकाला है.

Earth axis is tilting, groundwater extraction, crushed  water, Indian groundwater, India, Environment, Climate change, Global warming, Amazing science, subject   research, subject   news, shocking news,

वैज्ञानिकों ने पाया है कि जमीन से निकलने वाला पानी समुद्रों में जाने से ऐसा हो रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

क्या है प्रभावी कारण
हकीकत ये है कि पृथ्वी की इस धुरी में बदलाव का असल कारण समुद्री जल स्तर में इजाफा है. जो कि करीब 0.24 इंच बढ़ गया है और इससे पृथ्वी पर भार का वितरण गड़बड़ा गया है.  यही कारण है कि घूर्णन का ध्रुव यानी धुरी हर साल 4.36 की दर से खिसक रहा है.

क्या मतलब है इस धुरी के खिसकने का?
किसी ग्रह के घूमने की धुरी आदर्श रूप में उसकी सूर्य के परिक्रमा की तुलना में सीधे ऊपर से नीचे की ओर जाती है. लेकिन पृथ्वी के मामले में अभी तक इस रेखा से उसकी धुरी का कोण करीब 33 डिग्री है. लेकिन पूर्व में इस गणना के लिहाज से जो बिंदु पृथ्वी के घूर्णन का बिंदू था वह अब अपने स्थान से 80 सेमी खिसक चुका है. हालाकि यह कोण के लिहाज से बहुत अधिक बदलता हुआ शायद ना दिखे लेकिन दूरी के लिहाज से एक बड़ा बदलाव हो सकता है.

Earth axis is tilting, groundwater extraction, crushed  water, Indian groundwater, India, Environment, Climate change, Global warming, Amazing science, subject   research, subject   news, shocking news,

समुद्र जल स्तर बढ़ने से पृथ्वी के घूमने पर सीधा असर हो रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

रुख में बड़ा बदलाव
अध्ययन में साफ पाया गया है कि इस बदलाव की प्रमुख वजह भारी मात्रा में जमीन के अंदर का पानी निकाला जाना है. गौरतलब है कि इससे पहले वैज्ञानिक इस बदलाव की वजह दुनिया भर में पिघलने वाली बर्फ का बढ़ना मान रहे थे जो कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बहुत तेजी से पिघल रही है. यानी जितना नुकसान  दुनिया की बर्फ की चादरों के पिघलने से हो रहा है उससे कहीं ज्यादा जमीन के अंदर का पानी महासागरों तक जाने से हो रहा है.

भारत का भी बड़ा योगदान
शोधकर्ताओं ने पहचान की है कि पश्चिमी अमेरिका और उत्तर पश्चिमी भारत ऐसे खास इलाके हैं जहां बहुत ज्यादा मात्रा में जमीन से पानी निकाला जा रहा है. ये इलाके पृथ्वी के मध्य अक्षांश में पड़ते हैं ऐसे में इनकी घूर्णन के ध्रुव के खिसकने में प्रभावी भूमिका हो जाती है. वैज्ञानिकों को कहना है कि फिलहाल ये बदलाव मौसमी स्तर पर बदलाव नहीं ला रहा है. लेकिन वे यह जरूर मान रहे हैं कि इसके दूरगामी असर जरूर देखने को मिलेंगे.

यह भी पढ़ें: Explainer: नासा का ये रोबोट बृहस्पति के चांद की करेगा पड़ताल, बर्फ के नीचे महासागर में लगाएगा गोता!

शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नतीजे  नीति निर्मातओं और पर्यावरण विशेषज्ञों के लिए एक तरह से चेतावनी है  उन्होंने कहा कि अब जमीन के नीचे के पानी के कम होने के खतरों को नजरअंदजा नहीं किया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर खास तौर पर ध्यान देकर इसके उपाय भी करने ही होंगे

Tags: Bizarre news, Science, Science facts, Science news, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 11:56 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article