RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरकार 5 साल बाद ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार मई 2020 में रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की कटौती की थी। बताते चलें कि, जिस तरह आम लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से लोन लेते हैं, ठीक उसी तरह बैंक भी अपनी जरूरतों के लिए आरबीआई से लोन लेते हैं। आरबीआई जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है, उस ब्याज दर को ही रेपो रेट कहते हैं।
रेपो रेट घटने के बाद एफडी की ब्याज दरों में भी आएगी गिरावट
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बाद बैंकों को सस्ता लोन मिलेगा तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ता लोन देंगे। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन समेत तमाम लोन पर पड़ेगा और सभी लोन की ब्याज दरें कम हो जाएंगी। लोन सस्ता होने से लोगों की मंथली ईएमआई भी कम हो जाएगी और इससे करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। हालांकि, रिजर्व बैंक के इस फैसले से एक वर्ग को नुकसान भी होगा। जिन लोगों का कोई लोन नहीं चल रहा है और वे एफडी में निवेश करते हैं, उन्हें इस फैसले का नुकसान उठाना पड़ेगा। दरअसल, रेपो रेट कम होने से जहां लोन की ब्याज दरें कम हो जाती हैं, वहीं दूसरी ओर बैंक एफडी पर दिए जाने वाले ब्याज की दरें भी घटा देता है।
ब्याज दरें घटने से पहले करा लें एफडी
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बाद अब धीरे-धीरे सभी बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती करेंगे। इसके साथ ही, सभी बैंक एफडी की ब्याज दरों में भी कटौती करने लगेंगे। ऐसे में अगर आप एफडी करने का प्लान बना रहे हैं तो जल्द से जल्द बैंकों में जाकर एफडी करा लें। अगर आप ज्यादा समय लगाएंगे तो बैंक एफडी की ब्याज दरें घटा देंगे और अभी एफडी पर मिल रहा बंपर ब्याज नहीं मिलेगा। बताते चलें कि अभी एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 7.30 प्रतिशत तक का अधिकतम ब्याज मिल रहा है जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 7.80 प्रतिशत तक का अधिकतम ब्याज मिल रहा है।