Income Tax: युवा हैं और अभी शुरू हुई है आपकी कमाई! समझिए इनकम टैक्स की बचत का बेजोड़ तरीका

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निवेश की शुरुआत आप जितनी जल्दी करेंगे, आपके लिए वह बेहतर होगा।- India TV Paisa Photo:FILE निवेश की शुरुआत आप जितनी जल्दी करेंगे, आपके लिए वह बेहतर होगा।

अगर आपने अभी-अभी नौकरी शुरू की है या आपकी इनकम की शुरुआत हुई है तो आप यह समझ लीजिए कि तय समय पर आपका नियोक्ता (कंपनी) आपसे निवेश घोषणापत्र यानी आपके टैक्स बचत से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की डिमांड कर सकता है। ऐसे में आपको अपने टैक्स की बचत को लेकर अभी से ही तैयार हो जाना चाहिए और सही कदम उठा लेना चाहिए। पुराने कर्मचारी बेशक तुरंत कदम उठाने में सक्षम होते हैं लेकिन नौकरी की शुरुआत करने वाले युवाओं को थोड़ा समझना पड़ता है। ऐसे में यहां हम टैक्स की बचत कराने वाले स्मार्ट निवेश साधनों पर चर्चा करते हैं, ताकि आपको कुछ मदद मिल सके।

ELSS में निवेश पर कर सकते हैं विचार

ईएलएसएस या इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स विविध पोर्टफोलियो वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं जो आपको उच्च रिटर्न के साथ-साथ इक्विटी मार्केट में निवेश करने का मौका देते हैं। एचडीएफसी लाइफ के मुताबिक, यह आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स कटौती का दावा करने की अनुमति भी प्रदान करता है। सरकार की तरफ से इनकम टैक्स की कटौती की अधिकतम राशि जिसका दावा किया जा सकता है वह एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपये निर्धारित है।

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें

आज के समय में इलाज कराना काफी महंगा है। ऐसे में मेडिकल की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए बेहतर होगा कि आप एक अच्छी और बेहतर कवर करने वाली हेल्थ पॉलिसी खरीदें। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको किसी मेडिकल इमरजेंसी से जुड़े वित्तीय जोखिम को कवर करने या अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करता है। इससे आप मेडिकल इमरजेंसी में आने वाले बड़े खर्च को लेकर मानसिक तौर पर निश्चिंत रहेंगे। आपको एक वर्ष में भुगतान किए गए हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम की राशि के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत टैक्स छूट मिलती है।

यहां यह समझ लें कि अपने, आश्रित बच्चों और जीवनसाथी के लिए बीमा पर प्रीमियम का भुगतान करने के लिए कटौती की राशि 25,000 रुपये तक हो सकती है। माता-पिता के लिए 25,000 रुपये का अतिरिक्त दावा किया जा सकता है। हां, आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं तो कुल सीमा 1,00,000 रुपये तक बढ़ सकती है।

टैक्स स्लैब में न भी हों तो निवेश की योजना बनाएं

अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में नहीं भी है तब भी वित्तीय योजना बनाने पर विचार करें। आपकी आय से टीडीएस काटा जा सकता है, जिसे आपको लिमिट के भीतर आय होने के कारण भुगतान नहीं करना चाहिए। ऐसे मामले में, आपको इसे रिफ़ंड के रूप में वापस पाने के लिए अपना ITR दाखिल करना होगा। इसके अलावा, अपने लक्ष्यों के मुताबिक निवेश की शुरुआत कर दें। निवेश शुरू करते समय हमेशा एक स्पष्ट उद्देश्य निर्धारित करें और उसके आधार पर सही राशि, अवधि और निवेश का प्रकार चुनें। निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी करेंगे, उसका उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा से न चूकें। आमतौर पर हर साल 31 जुलाई आखिरी तारीख होती है। किसी भी प्रकार की गलतियों से बचने के लिए अपने रिटर्न को पहले से दाखिल करने और उन्हें दोबारा जांचने पर विचार करें।

जरूरत लगे तो प्रोफेशनल्स से सहायता लें

जब निवेश, टैक्स और इंश्योरेंस की बात आती है, तो बुनियादी समझ होना मददगार होता है। आपको टैक्स और निवेशों से जुड़ी तकनीकी शब्दावली और कॉन्सेप्ट के बारे में एक बुनियादी जानकारी होनी चाहिए ताकि आप सही फैसला कर सकें। हालांकि, अगर आपको लगता है कि आप नए हैं, तो वित्तीय योजना तैयार करने और कर दाखिल करने में आपकी मदद करने के लिए टैक्स सलाहकार, निवेश सलाहकार, फाइनेंशियल प्लानर आदि से सलाह ले सकते हैं।

कम से कम इनकम जिस पर नहीं लगता है इनकम टैक्स

अगर आपकी सलाना इनकम पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये और नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये की इनकम सीमा में है, तो आपको टैक्स का भुगतान करने से छूट है। अगर यह इस राशि से अधिक है, तो आप निवेश कर सकते हैं जो धारा 80सी के तहत कटौती के लिए योग्य हैं।

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