पटना. झारखंड विधानसभा चुनाव और महाराष्ट्र इलेक्शन समेत उपचुनाव का एग्जिट पोल बुधवार देर शाम से आना शुरू हो जाएगा. इस बार बिहार की चार सीटों इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ में भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. ऐसे में उपचुनाव का फाइनल रिजल्ट तो 23 नवंबर को सामने आएगा लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे आज शाम से आने शुरू हो जाएंगे. बिहार की चारों सीटों पर हुए उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मैच माना जा रहा है. इस उपचुनाव में लीड लेने वाले गठबंधन को अगले साल होने वाले फाइनल चुनाव में बढ़त मिलने का दावा भी किया जा रहा है.
गया की इमामगंज और बेलागंज, आरा की तरारी और कैमूर की रामगढ़ विधान सभा सीट पर मुख्य मुकाबला महागठबंधन (इंडिया अलायंस) और एनडीए के बीच माना जा रहा है. खास बात यह है कि इंडिया अलायंस के हिस्से में चार में से तीन सीटें थीं, लेकिन इस बार मुख्य मुकाबला इन दिलचस्प है. दोनों गठबंधनों के बीच मुख्य मुकाबला तो है, लेकिन प्रशांत किशोर की जान सुराज ने भी अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. चारों सीटों के समीकरण को देखें तो कहीं ना कहीं परिवारवाद की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है.
शाम से आने लगेंगे एग्जिट पोल के नतीजे
सभी जगह वोटिंग पूरी हो जाने के बाद करीब साढ़े छह बजे से एग्जिट पोल के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे. आप सारे एग्जिट पोल्स के नतीजे लाइव देख सकते हैं. इन्हें कई सारे न्यूज चैनल, सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा. जिसमें टुडे चाणक्या, एक्सिस माई इंडिया, सीएसडीएस, सी वोटर, टाइम्स नाऊ जैसे सर्वे एजेंसियों का एग्जिट पोल देख सकते हैं. न्यूज18 इंडिया ने भी इसके लिए खास तैयारी की है. आप यहां पोल ऑफ पोल्स देख सकते हैं. यहीं पर आपको सभी अन्य एजेंसियों के एग्जिट पोल भी देखने को मिल जाएंगे.
कहां किसकी प्रतिष्ठा दांव पर
इमामगंज विधानसभा
सबसे पहले गया की इमामगंज विधानसभा सीट पर नजर डालें तो यहां पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनाव मैदान में हैं. यह सीट जीतन राम मांझी के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. इस पर उनके ही परिवार की दीपा मांझी की दावेदारी है और जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष कुमार मांझी की प्रतिष्ठा भी फंसी हुई है.
बेलागंज विधानसभा
वहीं, गया जिले की बेलागंज सीट को राजद राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ माना जाता रहा है, क्योंकि यहां राजद के नेता सुरेंद्र यादव का दबदबा रहा है. इस बार सुरेंद्र यादव जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं तो इस सीट से उनके बेटे विश्वनाथ सिंह चुनावी मैदान में हैं. सुरेंद्र यादव बेटे को बेटे तो मैदान में हैं, लेकिन यहां सुरेंद्र यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. बता दें कि लालू यादव से लेकर ओसामा शहाब और तेजस्वी यादव ने इस सीट के लिए पूरा जोर लगा दिया है.
रामगढ़ विधानसभा
इसी तरह कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से उनके बेटे सुधाकर सिंह विधायक थे जो कि अब बक्सर से सांसद चुने गए हैं. उनकी जगह पर उनकी उनके छोटे भाई अजीत कुमार सिंह उम्मीदवार बने हैं. यहां अजीत कुमार से ज्यादा जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है.
तरारी विधानसभा
जबकि, आरा जिले की तरारी सीट से भारतीय जनता पार्टी के विशाल प्रशांत चुनावी मैदान में हैं. बाहुबली सुनील पांडे ने बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात मेहनत की है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल जैसे नेताओं ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया है. जाहिर तौर पर यहां सुनील पांडे की प्रतिष्ठा का प्रश्न है.