मां शैलपुत्री पूजा विधि
उज्जैन. आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान भगवती पूरे नौ दिन तक धरती पर भक्तों को आशीर्वाद देने लिए आती हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि पहले दिन किस देवी की उपासना की जाए और क्या भोग लगाएं.
मां शैलपुत्री के पूजन का महत्व
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने की वजह से मां दुर्गा के इस रूप को शैलपुत्री कहा जाता है. माता शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है, जबकि मां के बाएं हाथ में कमल का फूल है. मां शैलपुत्री की सवारी बैल है. मां शैलपुत्री का यह रूप अत्यंत ही दिव्य और मनमोहक है. मान्यताओं के अनुसार, माता शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्रमा के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं.
मां शैलपुत्री को जरूर लगाएं ये भोग
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है. देवी को सफेद रंग बेहद प्रिय है, इसलिए उन्हें सफेद रंग की चीजों का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है. यदि आप इस नवरात्रि पर माता शैलपुत्री की पूर्ण कृपा प्राप्त करना चाहते हो, तो उन्हें सफेद बर्फी, घर पर दूध से बनी शुद्ध मिठाई, गाय के घी से बना हलवा, रबड़ी या मावे के लड्डू आदि चीजों का भोग लगाएं.
जरूर करें इन मंत्रों का जाप
– ऊं देवी शैलपुत्र्यै नमः।।
– या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
– वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 05:11 IST
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