NEET UG में लाना है अच्छा मार्क्स, तो इन बातों पर करें फोकस

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Last Updated:January 18, 2025, 18:22 IST

NEET UG 2025 Exam: नीट यूजी परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. अगर आप भी नीट यूजी में अच्छा मार्क्स लाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए बातों को गौर से पढ़ें.

NEET UG में लाना है अच्छा मार्क्स, तो इन बातों पर करें फोकस

NEET 2025 में अच्छा मार्क्स लाने के लिए इन बातों पर करें फोकस.

NEET UG 2025 Exam: नीट यूजी की परीक्षा को भारत में सबसे प्रतिष्ठित और कंपीटेटिव परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इसमें हर साल लाखों छात्र मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए हिस्सा लेते हैं. मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, और अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए छात्रों को कड़ी मेहनत, स्ट्रैटेजिक स्टडी और NEET UG के कटऑफ अंकों की जानकारी होना आवश्यक है. हर साल लगभग 20 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं.

अगर आप भी नीट यूजी 2025 परीक्षा के लिए शामिल हो रहे हैं, तो अच्छे स्कोर करने के लिए नीचे दिए गए बातों को ध्यान से पढ़ें.

NEET UG कटऑफ को समझना
NEET UG में कटऑफ अंक विभिन्न फैक्टरों पर निर्भर करते हैं. इसमें निम्नलिखित शामिल हैं.
परीक्षा का कठिनाई लेवल
उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या
मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध सीटें
न्यूनतम योग्यता प्रतिशत

NEET UG में योग्यता हासिल करने के लिए अवश्यक प्रतिशत
जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार : 50 प्रतिशत
एससी/एसटी/ओबीसी: 40 प्रतिशत
दिव्यांग: 45 प्रतिशत
यह ध्यान देने योग्य है कि हर साल उच्चतम अंकों के आधार पर समान प्रतिशत का स्कोर अलग-अलग हो सकता है.

MBBS सीटों की कैटेगरियां
एमबीबीएस में एडमिशन के लिए सीटें निम्नलिखित कैटेगरियों में विभाजित की जाती है. इनमें शामिल हैं.
ऑल इंडिया कोटा (AIQ): सरकारी कॉलेजों में 15% सीटें ऑल इंडिया लेवल पर आरक्षित होती हैं. इन सीटों के लिए कटऑफ आमतौर पर अधिक होता है.
स्टेट कोटा: 85% सीटें राज्य के निवासियों के लिए आरक्षित होती हैं. हर राज्य की कटऑफ अलग होती है.
निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय: इन कॉलेजों में कटऑफ आमतौर पर सरकारी कॉलेजों की तुलना में कम होता है.

नीट यूजी कटऑफ को प्रभावित करने वाले फैक्टर
परीक्षा की कठिनाई लेवल: कठिन परीक्षा की स्थिति में कटऑफ कम हो सकता है.
उम्मीदवारों की संख्या: अधिक आवेदकों के कारण कंपटीशन बढ़ती है और कटऑफ बढ़ सकता है.
उपलब्ध सीटों की संख्या: अधिक सीटें होने पर कटऑफ कम हो सकता है.
आरक्षण नीतियां: आरक्षित श्रेणियों के लिए कटऑफ आमतौर पर कम होता है.

MBBS में एडमिशन के लिए स्ट्रेटजी
हाई स्कोर का लक्ष्य रखें: सरकारी कॉलेजों में सीट के लिए जनरल कैटेगरी के छात्रों को कम से कम 650+ अंक और आरक्षित कैटेगरी को 600+ अंक प्राप्त करने चाहिए.
NCERT किताबों का करें अध्ययन: फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी के लिए NCERT पाठ्यपुस्तकों को आधार बनाएं.
मॉक टेस्ट और रेगुलर प्रैक्टिस: टाइम मैनेजमेंट और परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए नियमित मॉक टेस्ट दें.

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First Published :

January 18, 2025, 18:22 IST

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