अमरेली: गुजरात में गिर, कांकरेज, देसी, HF और जर्सी नस्ल की गायें पाई जाती हैं, लेकिन अब अमरेली जिले में पहली बार दुनिया की सबसे छोटी और विलुप्तप्राय पोंगनूर गाय (Endangered Poonganur cow) लाई गई है. पोंगनूर गाय की विशेषता यह है कि यह दुनिया की सबसे छोटी गायों में से एक है, जिसकी ऊंचाई केवल 2 से 2.5 फीट होती है और लंबाई 3 से 4 फीट तक होती है. इस गाय को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से लाकर गायत्री आश्रम में रखा गया है, जहां इसे विशेष देखभाल दी जाएगी. गाय और नंदी दोनों की कीमत 8 लाख रुपये है, और इसे अमरेली जिले में लाकर इस नस्ल के संरक्षण की कोशिश की जाएगी.
चलाला में गायत्री संस्कारधाम के मैनेजिंग ट्रस्टी रतिदादा मेहता ने बताया, “आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में पुंगनूर गाय खरीदी गई है. यहां गायों की पूजा-अर्चना की जाएगी और उनका पालन-पोषण किया जाएगा. इसके बाद आने वाले दिनों में इस नस्ल की गाय अमरेली जिले के लोगों को मुफ्त में दी जाएगी. इस गाय को लाने के लिए वाहन किराया के रूप में 80 हजार रुपए दिए गए हैं. एक गाय 8 लाख रुपए में खरीदी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगीजी के पास इस प्रजाति की गायें हैं. गुजरात में पहली बार गाय लाई गई है.”
गाय का दूध बहुत खास होता
लोकल 18 से बात करते हुए खड़साली पशुपालन पॉलीटेक्निक के प्रोफेसर डॉ. कुनाल बदानी ने बताया कि पोंगनूर गाय का दूध बहुत खास होता है और यह प्रतिदिन 3 से 5 लीटर दूध देती है, जिसका उपयोग तिरुपति बालाजी मंदिर में भी होता है. गाय को प्रतिदिन 5 किलो चारा और 500 ग्राम चीनी दी जाती है, साथ ही गुड़ भी खिलाया जाता है. इस गाय का दूध आंध्र प्रदेश में 200 से 500 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है. इसके अलावा, पोंगनूर गाय की उम्र लगभग 10 से 14 साल होती है और यह 2 से 4 लीटर दूध प्रतिदिन देती है. गाय का वजन 170 किलो और नंदी का वजन 200 किलो होता है. इस गाय की कीमत भारतीय बाजार में 1 लाख से 6 लाख रुपये के बीच होती है.
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बता देंकि पोंगनूर गाय की यह नस्ल धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है, इसलिए आंध्र प्रदेश में इसके संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है. इस गाय की विशेष पहचान राजा पोंगनूर के नाम पर है. अब गायत्री आश्रम में इस नस्ल को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा और आगे चलकर इसे अमरेली जिले के लोगों को नि:शुल्क दिया जाएगा. इस प्रयास के माध्यम से पोंगनूर गाय की प्रजाति को गुजरात में भी संरक्षित किया जाएगा.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 10:02 IST