Public Opinion : कैसे बनें उत्तराखंड का बजट, सरकार ने मांगी राय, बोला देहरादून

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:February 01, 2025, 22:10 IST

Uttarakhand Budget Session 2025 : लोग बोले- दूध, दही और दूसरी जरूरी खाद्य चीजों पर भारी भरकम टैक्स होने से दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. प्रदेश सरकार को इस बारे में भी सोचना चाहिए.

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उत्तराखंड

उत्तराखंड बजट सत्र में क्या रहेंगे राज्य के मुद्दे

देहरादून. आज आए केंद्रीय बजट के बीच उत्तराखंड के आगामी बजट की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके लिए उत्तराखंड विधानसभा तैयार है. भराड़ीसैन और देहरादून दोनों सदनों में डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बताया कि गैरसैंण के भराड़ीसैंण में काम पूरा नहीं हो पाया है. इस बार विधानसभा सत्र पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा. ई-विधानसभा एप्लिकेशन पर काम किया जा रहा है. आगामी बजट सत्र की कार्यवाही ई-नेवा के जरिये सुचारू रूप से चलाने पर जोर दिया जाएगा. इसके तहत विधायकों को डिजिटल रूप से सभी डॉक्यूमेंट और सत्र से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल जाएंगी.

उत्तराखंड बजट के लिए जनता के सुझाव मांगे जा रहें हैं. ‘जनता का बजट, जनता के द्वारा, जनभावनाओं के अनुरूप बनेगा बजट हमारा’ स्लोगन के साथ इस बार बजट की तैयारी की जा रही है. इसके लिए आमजन से सुझाव मांगे गए हैं. लोकल 10 ने देहरादून की जनता से प्रदेश सरकार के बजट से उनकी उम्मीदों के बारे में बातचीत की.

देहरादून के रहने वाले राम कपूर ने कहा कि इंसान की बुनियादी जरूरतें स्वास्थ्य और शिक्षा जरूरी हैं. सरकार अगर आम जनता की सुनना चाहती है तो उसे चाहिए कि वह शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करें. कपूर के अनुसार, हालांकि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत जनता को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है लेकिन दिल्ली की तर्ज पर शिक्षा का मॉडल और आमजन से बच्चों की फीस का बोझ काम होना चाहिए. महंगाई से लेकर व्यापारियों की समस्याओं तक का भी समाधान होना चाहिए.

देहरादून के पलटन बाजार के व्यापारी नेता सुनील मैसोन ने कहा कि शुक्रवार को सरकार की ओर से जनता और आम बजट को लेकर संवाद कार्यक्रम हुआ जिसमें प्रत्यक्ष रूप से लोगों के सुझाव लिए गए. सरकार की ये अच्छी पहल है. जो सरकार स्टेकहोल्डर्स को साथ लेकर चलती है और बजट बनती है तो उसके परिणाम अच्छे आते हैं.

स्थानीय व्यापारी सुनील बांगा ने कहा कि सरकार जीएसटी पर भी काम करें. आम व्यक्ति के दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजों जैसे दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थों पर भारी भरकम टैक्स होने से दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो जाता है. महक के अनुसार, सबसे पहले महंगाई को कंट्रोल किया जाना चाहिए ताकि लोगों की परचेसिंग पावर बनी रहे. महिला सुरक्षा और युवाओं के रोजगार के लिए कुछ नीतियों को भी उत्तराखंड के बजट में शामिल करना चाहिए.

Location :

Dehradun,Uttarakhand

First Published :

February 01, 2025, 22:10 IST

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