Swami Vivekananda Jayanti: आपको बदल देंगी स्वामी विवेकानंद की ये 7 शिक्षाएं,जीवन में उतारेंगे तो छुएंगे ऊंचाइयां

6 days ago 2
Swami vivekanand Jayanti Image Source : INDIA TV स्वामी विवेकानंद जयंती

Swami Vivekananda Jayanti 2025: स्वामी विवेकानंद को आधुनिक भारत के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है। विवेकानंद ने अपने जीवनकाल के दौरान युवाओं में जोश भरने का कार्य किया था। यही वजह है कि उनकी जयंती यानि 12 जनवरी के ही दिन राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षाओं को अगर हम जीवन में उतार लें तो जीवन में क्रांति घटित हो सकती है। स्वामी विवेकानंद की कुछ ऐसी ही प्रभावशाली बातों की जानकारी आज हम आपको देंगे, जिनसे आप जीवन में सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ सकते हैं। 

ध्यान को लेकर स्वामी विवेकानंद की शिक्षा 

विवेकानंद ने ध्यान के महत्व को समझाया है। ध्यान वह प्रक्रिया है जिससे मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है और तनाव कम होता है। साथ ही ध्यान करने से आप अपने लक्ष्य के प्रति फोकस भी रह पाते हैं। इसलिए स्वामी विवेकानंद ने ध्यान को जीवन जीने का तरीका माना है। विवेकानंद के अनुसार, ध्यान से एकाग्रता आती है और एकाग्र व्यक्ति को जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। अगर आज हम भी ध्यान के महत्व को समझ लें तो जीवन में सफल हो सकते हैं। 

अनुशासन 

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विवेकानंद अनुशासित रहने की सीख देते हैं। मेहनत के साथ-साथ अगर व्यक्ति अनुशासित भी रहता है तो आसानी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। अनुशासन चिंता, बेवजह के वाद-विवाद से भी हमको दूर रखता है। इसलिए स्वामी विवेकानंद अनुशासित रहने की सीख हर किसी को दिया करते थे। 

निडरता 

स्वामी विवेकानंद अज्ञान को डर का कारण मानते थे। उनका कहना था कि, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निडर होकर आगे बढ़ना चाहिए। निरंतर ज्ञान प्राप्त करके और सही संगति में रहने से व्यक्ति हर प्रकार के डर से मुक्ति पा सकता है। 

दयालु बनें 

विवेकानंद जी का कहना था कि, करुणा और दया ही आपको आध्यात्मिक उन्नति दिलाते हैं। उनका मानना था कि हमें हर जीव हर मनुष्य के प्रति करुणापूर्ण रहना चाहिए। दया, सहानुभूति और करुणा समाज में शांति और विकास लाती है। 

स्वयं पर विश्वास 

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि हर व्यक्ति दिव्यता से भरा हुआ है। बस खुद को पहचाने की देर है। अपनी महानता को यदि व्यक्ति जान जाए तो किसी भी मुश्किल को आसान कर सकता है। इसीलिए विवेकानंद जी कहते हैं कि किसी और पर हो न हो लेकिन व्यक्ति को खुद पर विश्वास रखना चाहिए। 

सेवा

सेवा ही समाज के उत्थान का कारण बनती है। स्वामी विवेकानंद मानते थे कि जिस समाज में दूसरों की सेवा व्यक्ति के द्वारा नहीं की जाती उसका विकास होना असंभव है। वहीं जिस समाज में लोगों के प्रति लोगों के मन में सेवा भाव होता है तो प्रगति का मार्ग खुद खुल जाता है। इसलिए हर व्यक्ति के मन में सेवा भाव अवश्य होना चाहिए। 

वर्तमान क्षण में जीना 

वर्तमान क्षण ही एकमात्र सत्य है, ऐसा स्वामी विवेकानंद जी का मानना था। इसलिए हर व्यक्ति को वर्तमान में रहना सीखना चाहिए। अतीत की बातें भूलकर और भविष्य की चिंता को छोड़कर जो वर्तमान में पूरी तरह से होता है उसे बुलदियों पर पहुंचने में देर नहीं लगती। 

ये भी पढ़ें-

Surya Gochar 2025: मकर संक्रांति के बाद सावधान रहें ये 3 राशियां, सूर्य की स्थिति के चलते बढ़ सकती हैं परेशानियां

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में होने वाले हैं शामिल? घर जरूर लाएं ये 5 दिव्य चीजें, वास्तु और ग्रह दोष से मिलेगी मुक्ति

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article