वाशिंगटन डीसीः अमेरिका में पुरुष और महिलाओं में समानता तो होगी, मगर पुरुष तो पुरुष ही रहेंगे और जो महिला हैं वह महिला ही रहेंगी। ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के पहले दिन कार्यकारी आदेश दिया, जिसमें कहा कि अमेरिका के सरकारी दस्तावेजों में अब लिंग का स्वमूल्यांकन करने के बजाय जैविक लिंग को दर्शाना अनिवार्य होगा। यानि यह साफ तौर पर बताना होगा कि वह पुरुष हैं या महिला। ट्रंप के इस आदेश के बाद कर-वित्त पोषित लिंग परिवर्तन सर्जरी के भी समाप्त होने की उम्मीद की जा रही है।
इसके जरिये अमेरिका में लिंग परिवर्तन कराने का चलन जोरों पर था। अब ट्रंप के इस फैसले के बाद इस प्रथा पर रोक लग सकेगी। साथ ही पुरुषों को महिलाओं की जेल में अब नहीं रखा जाएगा। इतना ही नहीं, महिलाओं के खेलों में पुरुषों के भाग लेने पर भी पाबंदी होगी। 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के पहले दिन डोनाल्ड ट्रम्प ने कार्यकारी आदेश में कहा कि "लिंग पहचान" नीति के संबंध में व्यापक बदलाव लाएगा।
अमेरिकी दस्तावेजों में लिंग पहचान की होगी स्पष्टता
ट्रंप के कार्यकारी आदेश के अनुसार अमेरिकी पासपोर्ट से लेकर सरकारी पहचान पत्र, "जैविक वास्तविकता" यानि जैविक लिंग की पहचान बतानी होगी, न कि "स्व-मूल्यांकन की लिंग पहचान"। यानि यदि कोई लिंग परिवर्तन कराया है तो वह मान्य नहीं होगा। इससे पुरुष कैदियों को महिला जेलों में बंद करने की प्रथा भी समाप्त हो जाएगी। यह "अमेरिका को फिर से जागृत करने" की दिशा में ट्रम्प का पहला कदम माना जा रहा है। दिसंबर 2023 में एरिज़ोना, फ़ोनेनिक्स की रैली में ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के पहले दिन से "ट्रांसजेंडर के पागलपन को रोकने" का वादा किया था। जिसे उन्होंने कर दिखाया। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका में अब से ट्रांसजेंडर की व्यवस्था खत्म की जाएगी। (Agency)