UP में जन्मा, दक्षिण में पला, पूरे देश में कर रहा ऐसा काम, लोग कर रहे प्रणाम

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Last Updated:January 12, 2025, 12:14 IST

Mahadev Devotee Cycle Yatra : यूपी का रहने वाला संजीव 8 महीने पहले 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन करने के लिए निकला. 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन करने पश्चात संजीव महाकुंभ में स्नान करेगा. इसके बाद वह पशुपतिनाथ के दर्शन करने के लिए साइकिल से नेपाल जाएगा.

जमुई. एक शख्स ना चप्पल पहनता है, ना खाना खाता है, दिल में भगवान महादेव के प्रति आस्था और मन में अपने सुपरस्टार की तस्वीर बसाए पिछले आठ महीने से हर रोज यह साइकिल चलाता रहता है. यह शख्स रोजाना चौदह घंटे साइकिल चलाता है, ताकि अपने आराध्य देव महादेव के दर्शन कर सके. ये कहानी है एक ऐसे शख्स की, जिसके माता पिता की मौत सर्कस में स्टंट दिखाते वक्त हो गई. भगवान ने बचपन में ही इसका सब कुछ छीन लिया, लेकिन इसके बावजूद भगवान के प्रति इसकी आस्था थोड़ी भी कम नहीं हुई. यह शख्स अब तक ग्यारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर चुका है. यह शख्स शनिवार को जमुई पहुंचा, जहां से वह अपनी आगे की यात्रा पर रवाना हो गया.

उत्तर प्रदेश के शामली का रहने वाला है युवक
दरअसल, उत्तर प्रदेश के शामली के खेड़ा मस्तान गांव का रहने वाला युवक संजीव कुमार अपनी साइकिल से द्वादश ज्योतिर्लिंग की यात्रा पर निकला है. आठ महीने पहले उसने दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू की थी और देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित भगवान महादेव के ग्यारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर वह काशी विश्वनाथ की यात्रा पर निकल पड़ा है. संजीव ने बताया कि वह दिन के बारह से चौदह घंटे साइकिल चलाता है और पूरे दिन अन्न ग्रहण नहीं करता है. संजीव केवल रात में खाना खाता है, और वह खाना भी बिना प्याज लहसुन के शुद्ध सात्विक खाना होता है. संजीव ने बताया कि किसी दिन अगर उसे सात्विक खाना ना मिले तो वह भूखे ही सो जाता है.

बचपन से ही अनाथ है संजीव, साउथ एक्टर के परिवार ने पाला 
संजीव ने बताया कि वह दक्षिण भारत के तमिलनाडू में पला बढ़ा था, और उसके माता-पिता सर्कस में मौत का कुआं में गाड़ी से स्टंट दिखाते थे. इसी दौरान एक दिन स्टंट के दौरान दुर्घटना हुई और उसके माता-पिता की मौत हो गई. बचपन में ही संजीव अनाथ हो गया, जिसके बाद साउथ सुपरस्टार थलापति विजय और उनके परिवार ने उसे एक आश्रम को गोद दे दिया तथा उसकी पढ़ाई लिखाई सहित अन्य चीजों का खर्चा उठाया. चौदह साल की उम्र में संजीव दिल्ली चला आया, जहां वह तरह-तरह के काम करने लगा. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले संजीव दिल्ली में पेंटिंग का काम करता था, जिसके बाद उसके मन में महादेव के दर्शन की कामना हुई और वह अपना काम छोड़कर घर से निकल गया.

राजस्थान में चोरी हुई साइकिल, गुजरात के युवक ने की मदद
संजीव ने बताया कि अपने यात्रा के दौरान जब वह राजस्थान से गुजर रहा था. तब एक रात वह अपनी साइकिल लगाकर ढ़ाबा के बाहर सो रहा था. इसी बीच किसी ने उसकी साइकिल चोरी कर ली. साइकिल चोरी होने के बाद भी उसने अपनी यात्रा जारी रखी और वह पैदल ही अपनी यात्रा पूरी करने निकल पड़ा. संजीव करीब पांच दिन तक पैदल ही चलता रहा. इसी बीच गुजरात के रहने वाले कल्पेश नामक युवक ने उसकी मदद की और उसे एक नई साइकिल खरीदकर दी. इसके बाद संजीव ने दुबारा अपनी यात्रा शुरू की. संजीव ने बताया कि वो यहां से काशी विश्वनाथ के दर्शन करेगा. इसके उपरांत वह प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान करने के उपरांत साइकिल से ही नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर के दर्शन करेगा.

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