USA Immigration: जयशंकर ने कहा-भारत वैध दस्तावेज के बिना रह रहे भारतीयों की वापसी को तैयार

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एस जयशंकर, विदेश मंत्री। Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री।

 वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के बाद अमेरिका की नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत हजारों भारतीय प्रवासियों के निष्कासित किए जाने का खतरा भखी सता रहा है। इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत वैध दस्तावेज के बिना रह रहे भारतीयों की वैध वापसी के लिए हमेशा से तैयार रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब भी अमेरिका से उन लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया में है, जिन्हें भारत भेजा जा सकता है और ऐसे व्यक्तियों की संख्या अभी निर्धारित नहीं की जा सकती है।

जयशंकर ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा, ‘‘एक सरकार के रूप में हम स्पष्ट रूप से (लोगों की) वैध आवाजाही के बड़े समर्थक हैं, क्योंकि हम वैश्विक कार्यबल में विश्वास करते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय कौशल को वैश्विक स्तर पर अधिकतम अवसर मिले। साथ ही, हम अवैध आवाजाही और अवैध प्रवास का भी दृढ़ता से विरोध करते हैं।’’ वैश्विक कार्यबल से तात्पर्य श्रमिकों के अंतरराष्ट्रीय श्रम पूल से है, जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा नियोजित अथवा विदेशों में जाकर काम करने वाले विदेशी श्रमिक, अस्थायी प्रवासी श्रमिक, दूरस्थ श्रमिक, निर्यात से जुड़े रोजगार में लगे लोग, आकस्मिक कार्यबल तथा अन्य शामिल हैं।

जयशंकर ने कहा कि अवैध होना ठीक नहीं

जयशंकर ने कहा, ‘‘आप यह भी जानते हैं कि जब कुछ अवैध होता है, तो कई अन्य अवैध गतिविधियां भी उसके साथ जुड़ जाती हैं, जो ठीक नहीं है। यह निश्चित रूप से प्रतिष्ठा के लिए भी अच्छा नहीं है। यह हर देश के साथ है और अमेरिका कोई अपवाद नहीं है, हमने हमेशा यही कहा है कि अगर हमारा कोई नागरिक अवैध रूप से वहां है और अगर हमें लगता है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम हमेशा उनकी वैध भारत वापसी के लिए तैयार हैं।’’ मंत्री उन खबरों के बारे में पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि भारत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर अमेरिका में लगभग 1,80,000 भारतीयों की वापसी पर काम कर रहा है, जिनके पास या तो कोई दस्तावेज नहीं है या वे अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे हैं।

निष्कासन से पहले सत्यापन जरूरी

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बात की है। साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘अगर वीजा प्राप्त करने में 400-दिनों की प्रतीक्षा अवधि लगती है, तो मुझे नहीं लगता कि इससे संबंध अच्छे होंगे। उन्होंने (रूबियो ने) भी इस बिंदु पर ध्यान दिया।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मैंने आंकड़े देखे हैं। हमारे लिए यह महज आंकड़ा नहीं है। यह तभी प्रभावी होगा जब हम वास्तव में इस तथ्य को सत्यापित कर सकें कि संबंधित व्यक्ति भारतीय मूल का है।   (भाषा)

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