अगर परमाणु युद्ध हुआ तो इन जगहों के लोगों का नहीं होगा बाल भी बांका

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Safest Place connected Earth After Nuclear War: रूस और यूक्रेन की जंग थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इन दोनों का युद्ध चलते लगभग दो साल दस महीना गुजर चुका है. हाल ही में यूक्रेन की ओर से किए गए मिसाइल हमले के बाद दोनों के बीच तनाव बढ़ गया है. जवाब में रूस ने भी ऐसा कदम उठाया कि दुनिया सकते में आ गई. इस युद्ध में रूस ने पहली बार इंटर कांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का इस्तेमाल किया.

लंबी दूरी तक मार करने वाली ये मिसाइल न्‍यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में भी सक्षम है. यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने आशंका जताई है कि रूस बड़ा हमला कर सकता है. इसका मतलब है कि रूस की तरफ से परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया है. मौजूदा हलचल पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. अगर रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला किया तो क्या तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा? ऐसा होने पर दुनिया के वो  कौन से देश होंगे जहां लोग सुरक्षित रहेंगे.

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क्या होगा भारत का हाल
अगर तीसरे विश्व युद्ध के हालात बने तो दक्षिण एशियाई देशों में हर कहीं बर्बादी का आलम होगा. हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं. भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न देश है. फिर भारत का एक और पड़ोसी देश चीन भी किसी से कम नहीं है. यानी युद्ध की स्थिति में हालात बेहद बुरे होंगे. यह क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील होगा. अगर विश्व युद्ध हुआ तो इस इलाके में बहुतायत में लोग खत्म हो जाएंगे. वैसे भी दूसरे विश्व युद्ध में जब अमेरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराया उस विभीषिका को भुलाना मुश्किल है.

जो विस्फोट से बचेंगे भुखमरी से मर जाएंगे
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में नेचर फूड में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, परमाणु युद्ध न केवल रेडिएशन, गर्मी और विस्फोट के प्रभावों से मौत का कारण बनेगा, बल्कि फूड सप्लाई को भी गंभीर रूप से बाधित करेगा. वायुमंडल, महासागरों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में होने वाले बदलावों के कारण दुनिया भर में 6.7 अरब लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं. इस स्टडी में परमाणु युद्ध के बाद के वायुमंडलीय और कृषि प्रभावों का विश्लेषण किया गया है. जिसमें उन देशों की पहचान की गई है जो बड़े पैमाने पर भुखमरी से बच सकते हैं. इनमें अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे, पराग्वे, ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड और ओमान का नाम सबसे ऊपर है. इन देशों में युद्ध के बाद भी जरूरी फूड सप्लाई मिलती रहेगी. 

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भुखमरी के खतरे वाले क्षेत्र
दुनिया के ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित होंगे. स्टडी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोप के अधिकांश हिस्से और रूस को भयंकर अकाल का सामना करना पड़ेगा. इन देशों की अधिकांश जनसंख्या भूख से मर सकती है. उदाहरण के लिए, अमेरिका में 98 फीसदी जनसंख्या (लगभग 30 करोड़ लोग) परमाणु युद्ध के बाद भूख से मर सकते हैं. कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से भुखमरी का सामना नहीं करेंगे, लेकिन उनकी कैलोरी खपत में भारी कमी आ जाएगी. इन क्षेत्रों में लोगों का वजन कम हो जाएगा और उनकी गतिविधियां न के बराबर हो जाएंगी. क्योंकि उनके पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं होगा.

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परमाणु विस्फोट के दौरान सुरक्षा
साइप्रस की निकोसिया यूनिवर्सिटी की एक अलग स्टडी ने परमाणु विस्फोट के दौरान जीवित रहने के तरीकों का पता लगाया. स्टडी में पाया गया कि अगर 750 किलो टन का परमाणु विस्फोट होता है (जो नागासाकी बम के आकार का तीन गुना है) तो इमारत में शरण लेने के लिए सबसे अच्छी जगह एक मजबूत कमरा है. शरण लेने की जगह दरवाजों और खिड़कियों से जितना दूर हो सके उतना अच्छा है. आदर्श जगह कमरे का कोने होता है.

बढ़ते तनाव से परमाणु खतरा
बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव परमाणु जोखिम में योगदान करता है. हाल के घटनाक्रमों ने वैश्विक भय को बढ़ा दिया है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी दी कि रूस की नई एंटी बैलेस्टिक मिसाइलें पश्चिमी देशों की  रक्षा प्रणालियों को ध्वस्त कर सकती हैं.मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर पोस्ट किया कि ये मिसाइलें मिनटों में यूरोपीय राजधानियों पर हमला कर सकती हैं.

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संभावित सुरक्षित स्थान
परमाणु युद्ध की स्थिति में कुछ देशों के अकाल से कम प्रभावित होने की उम्मीद है. इन देशों को संभावित शरणस्थल के रूप में पहचाना गया है.

अंटार्कटिका: अंटार्कटिका का रणनीतिक महत्व बहुत कम है, जिससे यह परमाणु युद्ध के दौरान सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक बन जाता है. इसकी विशाल और अविकसित भूमि हजारों शरणार्थियों को समायोजित कर सकती है. 

आइसलैंड: आइसलैंड को अपनी शांति और तटस्थ रुख के लिए जाना जाता है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे परमाणु युद्ध की स्थिति में महफूज रखती है. 

न्यूजीलैंड: अपनी तटस्थ विदेश नीति और पहाड़ी भूभाग के कारण, न्यूजीलैंड सैन्य खतरों से प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है. यही इसे एक संभावित सुरक्षित स्थान बनाता है.

स्विट्जरलैंड: यह देश लंबे समय से चली आ रही तटस्थता के लिए जाना जाता है. स्विट्जरलैंड का भूभाग इसे परमाणु युद्ध की स्थिति में एक सुरक्षित विकल्प बनाता है.

ग्रीनलैंड, इंडोनेशिया और तुवालु: ये देश भौगोलिक रूप से दूर और राजनीतिक रूप से तटस्थ हैं, जो उन्हें विश्व युद्ध के दौरान कम संभावित लक्ष्य बनाते हैं. विशेष रूप से तुवालु में सीमित बुनियादी ढांचा है, जिससे यह सैन्य कार्रवाई के लिए एक मुश्किल लक्ष्य बन जाता है.

अर्जेंटीना, चिली और उरुग्वे: ये दक्षिण अमेरिकी देश परमाणु युद्ध के बाद होने वाले अकाल से बचने की अधिक संभावना रखते हैं क्योंकि उनके पास प्रचुर मात्रा में फसलें और अपेक्षाकृत स्थिर बुनियादी ढांचा है.

Tags: Food Insecurity, Nuclear Device, Nuclear weapon, Russia ukraine war, World WAR 2

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 19:12 IST

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