Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:January 24, 2025, 13:54 IST
Mandi News : मंडी में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव, देव कुंभ का आयोजन होने वाला है, जिसमें 216 से ज्यादा देवी-देवता शामिल होते हैं. इस महोत्सव में मंडी राजवंश की परंपराओं का पालन करते हुए जलेब निकाली...और पढ़ें
जलेब के दौरान पुराने वाद्य यंत्र बजाते लोग
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव, जिसे देव कुंभ भी कहा जाता है, का आयोजन होने वाला है. यह महोत्सव मंडी की पुरानी सभ्यता और परंपराओं को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. दरअसल, मंडी राजवंश ने शिवरात्रि पर्व मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी. स्थानीय राजा द्वारा आसपास के देवी-देवताओं को आमंत्रित किया जाता था. समय के साथ यह परंपरा बढ़ी और आज 216 से ज्यादा देवी-देवता इस महोत्सव में शामिल होते हैं. जिला प्रशासन मंडी द्वारा इन देवी-देवताओं के स्वागत और सत्कार की पूरी व्यवस्था की जाती है.
इस महोत्सव में सबसे बड़ा पद मंडी के राजा कृष्ण रूप माधव राय का होता है. उनके सम्मान में तीन शाही जलेब निकाली जाती हैं, जिसमें स्कूल के बच्चे, पुलिस बैंड, देवी-देवता और राजा माधव राय की पालकी शामिल होती है. यह जलेब राजमहल से होते हुए पड्डल मैदान तक जाती है.
अनोखी रीति-रिवाज
महत्वपूर्ण जलेबें महोत्सव के प्रारंभ, मध्य और समापन में निकाली जाती हैं. इसके बाद शिवरात्रि महोत्सव का औपचारिक समापन होता है. मंडी के स्थानीय निवासी और इतिहासकार आकाश शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि मंडी वासियों ने जिला प्रशासन की मदद से इन रीति-रिवाजों को बचाए रखा है. हर साल इस महोत्सव को भव्य बनाने के लिए निरंतर व्यवस्थाएं मजबूत की जा रही हैं.
देवी-देवताओं का बरसता है आशीर्वाद
आकाश शर्मा के अनुसार, यह महोत्सव पुरानी संस्कृति को संजोने का कार्य करता है. जिला भर से 216 से ज्यादा देवी-देवता इस महोत्सव में भाग लेने आते हैं और मंडी वासी उनका सात दिनों तक आदर-सत्कार करते हैं. इस दौरान देवी-देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. मंडी के राजा कृष्ण रूप माधव राय से इन देवी-देवताओं की साल में एक बार इसी समय मुलाकात होती है. सभी देवी-देवता सबसे पहले राजा माधव राय के महल में हाजरी लगाते हैं.
Location :
Mandi,Himachal Pradesh
First Published :
January 24, 2025, 13:54 IST