Last Updated:January 18, 2025, 18:03 IST
राजनीतिक अस्थिरता ने बांग्लादेश की इकॉनमी की हालत भी खराब कर दी है. शेख हसीना के वक्त जो बांग्लादेश की इकॉनमी भारत को टक्कर दे रही थी, वही अब गर्त में डूबती जा रही है. यह भारत की गारमेंट इंडस्ट्री के लिए बड़ा मौका है.
शेख हसीना के वक्त बांग्लादेश की इकॉनमी कुलांचे भर रही थी. जीडीपी ग्रोथ रेट में भारत को टक्कर दे रही थी. लेकिन अब वही बांग्लादेश मंदी के दलदल में धंसता जा रहा है. वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ की रिपोर्ट की मानें तो विकास दर आधी रह गई है, नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है. जिस गारमेंट्स इंडस्ट्री पर बांग्लादेश को नाज हुआ करता था, वो खुद को उबारने के लिए पैकेज की डिमांड कर रही है. इसका सीधा फायदा भारत की गारमेंट्स इंडस्ट्री को मिल सकता है.
वर्ल्ड बैंक की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के तख्तापलट ने निवेशकों को डरा दिया है. वे पैसा लगाने से डर रहे हैं. इसकी वजह से औद्योगिक गतिविधियां कमजोर हो गई हैं. कोविड से पहले 2019 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ 7.9 प्रतिशत थी. ये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक था. यह भारत को टक्कर देता था. यहां की गारमेंट इंडस्ट्री भारत की गारमेंट इंडस्ट्री पर भारी पड़ती थी. लेकिन आज वहां हालात बदल चुके हैं. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि बांग्लादेश की इकॉनमी 2025 में 4.1 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. यानी इसमें तेज गिरावट आई है. आईएमएफ ने तो सिर्फ 3.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है. जबकि भारत की वृद्धि दर 7 फीसदी से ऊपर बनी हुई.
महंगाई सातवें आसमान पर
एक और बड़ी बात, शेख हसीना के जाते ही महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई है. 2022 में जो महंगाई दर 7.7 प्रतिशत थी, वो अब बढ़कर 10.34 प्रतिशत तक पहुंच गई है. कुछ महीनों पहले यह 9.48 प्रतिशत थी. तब देश में छात्र आंदोलन की वजह से हालात बेहद खराब थे. बांग्लादेश की कंपनियों को भयानक बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. एक्सपोर्ट पर कई तरह की पाबंदियां लग चुकी हैं. महंगाई की वजह से लोगों की सामान खरीदने की क्षमता पर असर पड़ा है. इससे डेवपलमेंट धीमा हो गया है.
Under Hasina’s rule, Bangladesh — on with India, Indonesia and 36 different nations — entered the ranks of middle-income countries but now, arsenic the World Bank study states, governmental turmoil has “dampened economical enactment and worsened capitalist confidence.” https://t.co/HungKVLKXf
— Brahma Chellaney (@Chellaney) January 18, 2025
अशांति और बढ़ने की आशंका
एक्सपर्ट के मुताबिक, इसके खतरे भी काफी ज्यादा हैं. महंगाई बढ़ने से अशांति और बढ़ सकती है. क्योंकि एक तो कोविड की वजह से बेरोजगारी पहले से ही परेशान कर रही थी, अब यह परेशानी का सबब बन गई है. इससे प्रोडक्शन पर भी असर पड़ा है. वर्ल्ड बैंक ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका को उन देशों की श्रेणी में रखा है, जो सबसे ज्यादा परेशान होने वाले हैं. क्योंकि बांग्लादेश के कुल एक्स्पोर्ट में यूरोप के देशों की हिस्सेदारी लगभग आधी है. लेकिन वहां भी मंदी छाई हुई है.
एक्सपर्ट ने चेताया, जानिए भारत के लिए कैसे मौका
सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने एक्स पर लिखा, शेख हसीना के शासन के दौरान बांग्लादेश – मिडिल इनकम ग्रुप वाले भारत, इंडोनेशिया और 36 अन्य देशों के साथ कॉम्पीटीशन कर रहा था. लेकिन राजनीतिक उथल-पुथल ने वहां इकोनॉमिक गतिविधियों को धीमा कर दिया है. इन्वेस्टर्स का भरोसा टूट गया है. विश्व बैंक की रिपोर्ट इसके बारे में चेतावनी दी गई है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर बांग्लादेश में यही हालात रहे तो भारत के लिए मौका होगा. वहां के इन्वेस्टर्स भारत की ओर भागेंगे. फैक्टरियों में काम धीमा होने से एक्सपोर्ट पर सीधा असर होगा. भारत का एक्सपोर्ट बढ़ सकता है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 18, 2025, 18:03 IST