Last Updated:January 19, 2025, 08:47 IST
महाभियोग का सामना कर रहे दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. कोर्ट ने उनके गिरफ्तारी की अवधि बढ़ा दिया है. विरोध में उनके समर्थकों ने कोर्ट पर धावा बोल दिया.
सियोल. महाभियोग का सामना कर रहे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल को रविवार को कोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने उनकी हिरासत की अवधि 20 दिन के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद उनके समर्थक सड़क पर आए. उन्होंने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया. हजारों लोग कोर्ट परिसर में घुस आए. उन्होंने अदालत परिसर में घुसकर खिड़कियां तोड़ दीं. बता दें कि, जांच एजेंसी ने 15 जनवरी को उनको गिरफ्तार कर लिया था. वे दक्षिण कोरिया के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें जेल भेजा गया है. उन पर 3 दिसंबर को अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा के लिए विद्रोह करने का आरोप है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार , रविवार को सुबह करीब 3 बजे (स्थानीय समयानुसार) जैसे ही यून की हिरासत अवधि बढ़ाने का निर्णय घोषित किया गया, प्रदर्शनकारियों ने अदालत की बिल्डिंग पर धावा बोल दिया. उन्होंने पुलिस और अधिकारियों पर दबाव डालकर अदालत परिसर में हंगामा मचा दिया. समर्थकों ने कोर्ट ऑफिस के इलेक्ट्रिक सामान और फर्नीचर को तोड़-फोड़ दिया. पुलिस ने मौके से 46 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अदालत परिसर नें शांति व्यवस्था बहाल करने में सफल रही.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी कोर्ट परिसर के मेन गेट पर पर तैनात पुलिस बल पर हमला बोल अंदर घुसने की कोशिश की. पुलिस बल को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछारें बरसाई. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट परिसर में घुसकर कथित तौर पर कार्यालय के इलेक्ट्रिक समान और फर्नीचर को तोड़ दिया. सियोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार, ‘हम उन लोगों का पता लगा रहा हैं कि अवैध कृत्य किए या उकसाया और सहायता की.’ बताया जा रहा है कि इस अफरातफरी में 40 लोगों को मामूली चोटें आईं, लेकिन किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है.
बता दें कि सुनवाई के दौरान, यून को या तो 48 घंटे के भीतर रिहा करने या उसकी हिरासत अवधि बढ़ाने का निर्देश दिया गया था. उनके खिलाफ आरोप की जांच कर रहे अधिकारियों ने कोर्ट से कुछ और समय के लिए हिरासत में रखने की मांग की. सियोल पश्चिमी जिला न्यायालय में लगभग पांच घंटे तक सुनवाई चली. सून युन भी उपस्थित थे. जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जमानत देने से वह सबूत को टेंपर कर सकत हैं.
First Published :
January 19, 2025, 08:47 IST