Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 21, 2025, 19:05 IST
Ghaziabad amerciable operation news: उत्तर प्रदेश के गली-गली और शहरों में अवैध निर्माण एक बड़ी समस्या है. अवैध निर्माण करने वाले लोग प्रभावशाली होते हैं ऐसे में कार्रवाई टलती रहती है.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में अवैध निर्माण वर्षों से एक बड़ी समस्या है. अवैध निर्माण में अधिकतर माफिया, नेता और बड़े सरकारी कर्मचारी शामिल होते हैं. ऐसे में इनसे कब्जा छुड़ा पाना मुश्किल होता है. बड़े और महंगे माने जाने वाले शहरों में अवैध निर्माण और ज्यादा है. हालांकि, अवैध निर्माणों को लेकर समय-समय पर सरकारें कार्रवाई भी करती रहती हैं. गाजियाबाद में भी अवैध निर्माण काफी ज्यादा है. अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने शहर में अवैध निर्माण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. इसे रोकने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर की भी मदद ली जा रही है.
मिलीभगत करने वाले अधिकारियों की भी खुलेगी पोल
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जिले में अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करेगा. यह सॉफ्टवेयर न केवल अवैध निर्माण की पहचान करेगा बल्कि निर्माण में सहयोग देने वाले जीडीए के अधिकारियों का भी पर्दाफाश करेगा. इस सॉफ्टवेयर की मदद से जीडीए के अधिकारी 200 वर्गगज से अधिक जमीन पर हुए अवैध निर्माण की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
बिना योजना के किया गया काम प्रगति में बाधक बनता है. ऐसे में अवैध और अनियोजित विकास पर नकेल कसने के लिए जीडीए नया साफ्टवेयर तैयार कर रहा है. यह सॉफ्टवेयर न केवल अवैध निर्माण बल्कि अवैध निर्माण करने वाले निर्माणकर्ता को शह देने वाले जीडीए अधिकारियों को भी बेनकाब करेगा. यह साफ्टवेयर कैसे काम करेगा इसकी तस्वीर भी जीडीए उपाध्यक्ष ने अवैध रूप से बने एक वेयर हाउस की पहचान कर साफ कर दी है. उन्होंने यह भी पता कर लिया कि बिना मानचित्र स्वीकृति के वेयरहाउस कब बना.
जांच में खुली मामले की पोल
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स हाल ही में हरनंदीपुरम योजना प्रोजेक्ट के लिए चिह्नित जमीन का निरीक्षण करने के लिए राजनगर एक्सटेंशन स्थित हम तुम रोड से गुजरे. उन्होंने अंदर सड़क पर ट्रक चलते देखा. आगे जाने पर रोड किनारे वेयरहाउस बना मिला जहां ट्रक जा रहे थे. उनको शक हुआ कि वेयरहाउस का निर्माण कार्य बिना नक्शा पास कराए किया गया है. जांच कराने पर उनका अंदाज सही निकला. वेयरहाउस मालिक को नोटिस जारी किया. वेयरहाउस का निर्माण कब हुआ है इसके लिए उन्होंने गूगल अर्थ की तस्वीरों की मदद ली. तस्वीरों को सर्च करने पर पता चला कि अक्टूबर 2018 में वेयरहाउस नहीं बना था. फरवरी 2019 में वेयरहाउस बनकर तैयार हो गया था. ऐसे में जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच वहां पर तैनात रहे जोन के प्रवर्तन प्रभारी से लेकर सहायक अभियंता, अवर अभियंता की जानकारी कर उनको कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. जवाब संतोषजनक न होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
स्पेशल टीम का गठन कर दिये त्वरित एक्शन के निर्देश
जीडीए उपाध्यक्ष ने अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए एक विशेष टीम गठित की. निरीक्षण के दौरान एक बड़े अवैध निर्माण को तीन जेसीबी मशीनों और पुलिस बल की मदद से तत्काल जमींदोज किया गया. उन्होंने अन्य अवैध निर्माणों पर भी इसी तरह की बुलडोजर कार्रवाई के निर्देश दिए.
वहां के लोगों को किया आगाह
अतुल वत्स ने लोगों को बताया कि वे अवैध कॉलोनियों में भूखंडों और मकानों में अपनी मेहनत की कमाई न फंसाये. उन्होंने कहा कि यह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे भविष्य में गंभीर वित्तीय और कानूनी समस्याएं भी हो सकती हैं. अतुल वत्स ने कहा कि जीडीए का उद्देश्य विकास कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करना है. उन्होंने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और प्राधिकरण की नीतियों के अनुसार विकास कार्यों और योजना के विकास को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए.
Location :
Ghaziabad,Uttar Pradesh
First Published :
January 21, 2025, 19:05 IST
अवैध निर्माण पर GDA का एक्शन, सॉफ्टवेयर से पकड़े जाएंगे भ्रष्ट अधिकारी