Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:January 23, 2025, 07:44 IST
Mango Farming: आम की खेती करने वाले ज्यादातर किसान हर साल जनवरी माह में एक छोटी सी गलती कर जाते हैं और परिणाम स्वरूप आम की खेती चौपट हो जाती है. पेड़ में मंजरी प्रभावित होती है और फल कम आते हैं.
आम की खेती का तरीका.
पलामू: आम के किसान ध्यान दें. आम की बागवानी कर रहे हैं तो दिसंबर से जनवरी के महीने में भूलकर भी पेड़ों में पटवन का काम न करें. इस दौरान पटवन करने से आम के पेड़ में मंजरी के बजाए वानस्पतिक वृद्धि होना शुरू हो जाती है, जिससे फ्रूटिंग की संभावना कम हो जाती है. सीजन में आम कम होते हैं, जो होते हैं वो भी कमजोर. फसल कमजोर तो किसानों को नुकसान हो जाता है.
दरअसल, आम में मंजरी आने का समय जनवरी महीने से शुरू हो जाता है. इसके बाद फ्रूटिंग होती है. मगर, मंजरी आने से पहले किसानों को कुछ खास बात का ध्यान देना जरूरी है. ताकि आम के पेड़ों में मंजरी अच्छे से आए और समय पर पेड़ फलों से लद जाएं. लेकिन, कई बार गलती के कारण मंजरी का अच्छा विकास नहीं हो पाता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा नहीं मिलता.
पटवन को कर दें कम
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि पलामू के इलाके में जून-जुलाई के महीने में आम में फ्रूटिंग होती है. इसे लोग बड़े चाव से खाते हैं, जिसके बाद अगस्त से फलन होना कम हो जाता है. तब किसानों को आम के बगीचे में उर्वरक प्रबंधन की जरूरत होती है. किसान दिसंबर के महीने से पटवन को कम कर दें.
इस महीने में पटवन न करें
जनवरी के महीने में आम के बगीचे में पटवन न करें. क्योंकि, अगर जनवरी के महीने में पटवन करते हैं तो इससे आम में वानस्पतिक वृद्धि होने लगती है. नए-नए पत्ते निकालने लगते हैं, जो मंजरी को प्रभावित करते हैं. आगे कहा, जनवरी में तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस का होता है, तब आम में मंजरी आना शुरू होती है. इस दौरान किसानों को पटवन नहीं करना चाहिए, जिससे आम में ज्यादा मंजरी आ सके.
Location :
Palamu,Jharkhand
First Published :
January 23, 2025, 07:44 IST
आम के किसान जनवरी में न करें ये काम, साल भर पछताएंगे, पेड़ में फल नहीं आएंगे