कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर रेप केस मामला कौन भूल सकता है. रेप केस के बाद आरजी कर अस्पताल में करोड़ों के घोटाले का भी खुलासा हुआ. अब इस घोटाले में एक बड़ा अपडेट आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में अपना पहला चार्जशीट दाखिल किया है.
चार्जशीट में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के साथ ही चार अन्य लोगों का नाम भी शामिल है. चार्जशीट में जो नाम हैं वे इस प्रकार हैं:
1. डॉ. संदीप घोष, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल
2. डॉ. आशीष कुमार पांडे, पूर्व हाउस स्टाफ सदस्य.
3. बिप्लब सिंघा, मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स के प्रोपराइटर.
4. सुमन हाजरा, मेसर्स हाजरा मेडिकल की प्रोपराइटर.
5. अफसर अली खान, मेसर्स ईशान कैफे के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी और मुख्य व्यक्ति.
अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद, कलकत्ता में हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में मामला दर्ज किया गया था. केंद्रीय एजेंसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि दर्ज किए गए आरोपों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी और 420 और भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) अधिनियम की धारा 7 शामिल हैं.
चार्जशीट में अस्पताल को सामान और सेवाएं प्रदान करने वाली तीन व्यावसायिक संस्थाओं का भी नाम है. हालांकि, न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने शुक्रवार को चार्जशीट को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया क्योंकि इसके लिए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार से मंजूरी की आवश्यकता है, क्योंकि घोष और पांडे राज्य द्वारा नियोजित कर्मचारी थे.
CBI ने चार्जशीट में क्या कहा
सीबीआई के अनुसार, घोष ने भारी कमीशन के बदले में उन ठेकेदारों को ठेके दिए जाने को सुनिश्चित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर किया था, जिनके साथ उनके संबंध थे. जांच में यह भी उजागर हुआ कि प्रिंसिपल के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद आरोपी, विशेष रूप से घोष की संपत्ति में तेजी से वृद्धि हुई. इसके अतिरिक्त, चार्जशीट में घोष और अन्य पर अस्पताल से संबंधित बुनियादी ढांचे के काम के लिए राज्य के लोक निर्माण विभाग को नजरअंदाज करने, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट की तस्करी करने और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाए गए अज्ञात शवों के अंगों को कथित तौर पर बेचने का आरोप लगाया गया है.
CBI अगस्त में अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सिलसिले में घोष की भी जांच कर रही है, साथ ही पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल की भी जांच कर रही है, जिस पर प्रारंभिक जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ करने और जांच को गुमराह करने का आरोप है.
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FIRST PUBLISHED :
November 30, 2024, 07:38 IST