इंसान क्या चीज है अब तो पेड़ों का भी होता है ट्रांस्प्लांट, हरे भरे हुए पेड़

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:January 22, 2025, 17:19 IST

Khandwa Tree Transplantation: खंडवा के बालाजी ग्रुप ने 27 नवंबर 2022 को जिले में पेड़ शिफ्टिंग की शुरुआत की. पहला पेड़ अंजनी बालाजी नगर से ट्रांसप्लांट किया गया. इसके लिए हैदराबाद से विशेषज्ञ बुलाए गए, जिन्होंन...और पढ़ें

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80 साल पुराना पेड़ जोकि एक दम खिला खिला दिख रहा हे 

Tree Transplantation successful Khandwa: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी मिसाल पेश की है. जहां विकास की आड़ में पेड़ों की कटाई आम हो चुकी है, वहीं खंडवा में पेड़ों को काटने के बजाय ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. इस प्रयास ने न केवल जिले को एमपी का पहला पेड़ शिफ्टिंग जिला बना दिया है, बल्कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण का एक नायाब उदाहरण भी बन गई है.

कैसे शुरू हुई पहल?
खंडवा के बालाजी ग्रुप ने 27 नवंबर 2022 को जिले में पेड़ शिफ्टिंग की शुरुआत की. पहला पेड़ अंजनी बालाजी नगर से ट्रांसप्लांट किया गया. इस प्रक्रिया में 1 से 1.5 लाख रुपये का खर्च आया. इसके लिए हैदराबाद से विशेषज्ञ बुलाए गए, जिन्होंने वैज्ञानिक पद्धति से पेड़ का ट्रांसप्लांट किया.

अब खुद बन गए एक्सपर्ट
बालाजी ग्रुप के सदस्यों ने इस तकनीक को सीखा और अब वे खुद पेड़ों की शिफ्टिंग कर रहे हैं. पहले जहां एक पेड़ को शिफ्ट करने में लाखों रुपये लगते थे, अब इसे मात्र 30,000 रुपये में किया जा रहा है.

40 पेड़ फिर से हरे-भरे
अब तक 40 से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. ट्रांसप्लांट किए गए ये पेड़ डेढ़ से दो साल में फिर से हरे-भरे होकर वातावरण को शुद्ध कर रहे हैं. समाजसेवी और उद्योगपति रितेश गोयल ने बताया कि यह पहल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से प्रेरित थी.

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी ने हमें पर्यावरण संरक्षण के महत्व का एहसास कराया. तभी हमने तय किया कि जिले में कोई भी पेड़ नहीं कटेगा. पेड़ काटने की अनुमति के लिए तो नियम हैं, लेकिन नगर निगम में पेड़ शिफ्टिंग का कोई प्रावधान नहीं था. अब इस प्रक्रिया को अनुमति मिल गई है.

पेड़ शिफ्टिंग की तकनीक
पेड़ों की जड़ों और तने को वैज्ञानिक पद्धति से ट्रांसप्लांट किया जाता है.ट्रांसप्लांट के बाद पेड़ों को विशेष देखभाल और उपचार दिया जाता है ताकि वे नई जगह पर फल-फूल सकें. बालाजी ग्रुप का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी का योगदान आवश्यक है, विशेष रूप से कॉलोनाइजर और उद्योगपतियों का.

रितेश गोयल ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि खंडवा एक ऐसा जिला बने जो पर्यावरण संरक्षण में दूसरों के लिए मिसाल बने.

Location :

Khandwa,Madhya Pradesh

First Published :

January 22, 2025, 17:18 IST

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