Agency:आईएएनएस
Last Updated:February 02, 2025, 15:33 IST
बजट 2025-26 से खपत बढ़ेगी, आर्थिक विकास को सहारा मिलेगा. इनकम टैक्स छूट से मध्यम वर्ग को राहत, पूंजीगत व्यय से निजी निवेश बढ़ेगा. राजकोषीय घाटा 4.4% रहेगा.
नई दिल्ली. आम बजट 2025-26 से देश में खपत बढ़ेगी. इससे देश की आर्थिक गति को भी सहारा मिलेगा. यह जानकारी रविवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई. असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड की रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार के द्वारा इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाए जाने के कारण मध्यम वर्ग के हाथ में अधिक पैसा बचेगा और पूंजीगत व्यय को जारी रखने से समग्र सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और उसके बाद निजी निवेश में और वृद्धि होगी.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि सरकार ने समावेशी विकास के लिए नीति या बजटीय उपायों के माध्यम से सभी क्षेत्रों को आवंटन दिया है. सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राजकोषीय समेकन के लिए प्रतिबद्ध रहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत निर्धारित किया, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 में 4.8 प्रतिशत है.
अर्थव्यवस्था की मजबूती दर्शाता है बजट
रिपोर्ट में बताया गया कि बजट का लक्ष्य निर्यात और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुधारों को जारी रखना है. यह रोजगार के अवसर पैदा करने, खपत को पुनर्जीवित करने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक समग्र सकारात्मक तस्वीर दिखाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है.
केंद्रीय बजट 2025-26 आर्थिक विकास में तेजी लाने, समावेशी विकास करने, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने, घरेलू भावना को ऊपर उठाने और भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर आधारित है.
सुधार की रखी नींव
रिपोर्ट में बताया गया कि इस बजट में छह अहम क्षेत्रों में सुधार की नींव रखी है, जिसमें कराधान, ऊर्जा, शहरी विकास, खनन, फाइनेंशियल सेक्टर और रेगुरेटरी सुधार शामिल है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगले पांच वर्षों में इन सुधारों से देश की प्रतिस्पार्धात्मक क्षमता वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी. देश विकसित भारत के लक्ष्य के और निकट पहुंच पाएगा.
बजट 2025-26 में अनुपालन को सरल बनाने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दूरगामी कर सुधार पेश किए गए हैं. सरकार व्यक्तियों और व्यवसायों पर कर के बोझ को कम करने, कर आधार को व्यापक बनाने और एक प्रगतिशील कराधान प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 02, 2025, 15:33 IST