Agency:पीटीआई
Last Updated:February 02, 2025, 17:59 IST
Milkman Dope Padu: अरुणाचल प्रदेश के डोपे पाडू की चर्चा हर तरफ हो रही है. 12000 रुपये महीने की सैलरी पर नौकरी करने वाले डोपे पाडू काफी निराश हो गए थे. गहरी निराशा की स्थिति में उन्होंने अपना काम शुरू करने की ठ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- डोपे पाडू ने अथक मेहनत के दम पर अपनी किस्मत बदल डाली
- कर्ज लेकर डेयरी बिजनेस शुरू किया, आज लाखों में कर रहे कमाई
- कभी पैसों के लिए थे मोहताज, डोपे पाडू अब कई को दे रहे रोजगार
ईटानगर. नौकरी में कम वेतन मिलने से निराश एक युवा ने जब कुछ करने की ठानी तो वह खुद में मिसाल बन गया. अब घर-घर उनकी चर्चा हो रही है. सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा रखने वाले डोपे पाडू ने डेयरी फार्म स्थापित करके न केवल अपना सपना पूरा किया, बल्कि आज के दिन वह कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. कभी 12000 रुपये की नौकरी करने वाले पाडू आज दूसरों को हर महीने कुल मिलाकर 1 लाख रुपये की सैलरी बांट रहे हैं. आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए उनके कदम की अब हर कोई तारीफ कर रहा है. उन्होंने अपने गोयम डेयरी फार्म को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में घर-घर में चर्चित कर दिया है.
डार्का गांव के रहने वाले 32 साल के पाडू ने अरुणाचल प्रदेश पुलिस हाउसिंग एंड वेलफेयर कॉरपोरेशन में साइट इंजीनियर के तौर पर अपनी नौकरी छोड़ दी. इस नौकरी में उन्हें 12,000 रुपये प्रति महीने मिलते थे, लेकिन इसके लिए उन्हें पूरे राज्य में काफी यात्रा करनी पड़ती थी. पाडू ने कहा, ‘जीवन सुरक्षित नहीं था और मेरी नौकरी में बहुत यात्राएं शामिल थीं. मुझे तिरप, चांगलांग, लोंगडिंग, तेजू और अनिनी जैसी जगहों पर जाना पड़ता था. विभाग यात्रा खर्च नहीं देता था और कोई यात्रा या महंगाई भत्ता नहीं था. मैं महीने के अंत में 1,000 रुपये भी नहीं बचा पाता था.’
निराशा में खुद का काम शुरू करने का फैसला
निराश होकर पाडू ने कुछ अपना और कुछ नया करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि चूंकि मेरा जीवन वहीं रुका हुआ था, इसलिए मैंने डेयरी व्यवसाय में उतरने का फैसला किया. अपने बड़े भाई से वित्तीय मदद लेकर पाडू ने दिसंबर 2021 में अपनी यात्रा शुरू की. उनका शुरुआती निवेश गायों की खरीद और शेड बनाने में चला गया. आज उनके फार्म में जर्सी, एचसीएफ और साहीवाल सहित विभिन्न नस्लों की 30 गायें हैं, जिन्हें हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों से मंगाया गया है. पाडू कहते हैं कि मैं उन्हें डेयरी राशन, मवेशी चारा बोबिनो और चापोर खिलाता हूं. इसे मैं असम के सिलापाथर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से खरीदता हूं.
8 लोगों को रोजगार
पाडू ने अपने खेत में काम करने के लिए एक डिलिवरी बॉय सहित 7 मजदूरों को काम पर रखा है. ‘आलो के दूधवाले’ के नाम से मशहूर पाडू सुबह के समय पूरे आलो कस्बे में और दोपहर के समय रामकृष्ण मिशन स्कूल, काबू, सिपु पुई और दारका गांवों में दूध पहुंचाते हैं. अधिकतम उत्पादन के समय, उनके फार्म में प्रतिदिन 100 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है. हालांकि, उनकी कई गायों के बछड़े होने के कारण वर्तमान उत्पादन घटकर 60-70 लीटर प्रतिदिन रह गया है. पाडू की सफलता उनकी मासिक आय तीन लाख रुपये से अधिक से स्पष्ट है, जिसमें दूध की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर है. मवेशियों के चारे पर एक लाख रुपये खर्च करने और अपने कर्मचारियों को वेतन देने के बाद, वह हर महीने लगभग एक लाख रुपये बचाते हैं.
पनीर और दही का भी व्यवसाय
पाडू अब दूध के अलावा वह 1,000 रुपये प्रति किलो पनीर और 200 रुपये प्रति किलो दही बेचते हैं. पाडू ने कहा, ‘आलो में डेयरी के लिए बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां कोई कॉम्पीटिशन नहीं है.’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में दूध की अधिकांश आपूर्ति गैर-स्थानीय लोगों से होती है जो छोटे क्षेत्रों या कॉलोनियों में दूध की आपूर्ति करते हैं. अपनी आय में विविधता लाने के लिए उन्होंने अपने खेत के पास तीन मछली तालाब भी बनाए हैं. पाडू ने कहा, ‘मैं सभी प्रकार की मछलियां पालता हूं, और उन्हें गोबर खिलाया जाता है.’ अपनी उपलब्धियों के बावजूद पाडू ने पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग से समर्थन की कमी पर निराशा व्यक्त की.
Location :
Itanagar,Papum Pare,Arunachal Pradesh
First Published :
February 02, 2025, 17:56 IST