Last Updated:February 02, 2025, 19:48 IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश किया. दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टीज टैक्स फ्री होंगी. 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलेगी.
हाइलाइट्स
- दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टीज टैक्स फ्री होंगी.
- 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलेगी.
- किराए पर टीडीएस सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख की गई.
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं. इन घोषणाओं से घर खरीदारों को राहत मिलने की संभावना है और रियल एस्टेट में निवेश के नए मौके उत्पन्न होंगे. इस बजट में दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टीज को टैक्स फ्री करने का फैसला लिया गया है. इससे घर खरीदारों को लाभ होगा और प्रॉपर्टी के बाजार में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड और 15,000 करोड़ रुपये के SWAMIH फंड 2 का ऐलान किया है. इससे शहरी विकास और किफायती घरों के प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी. किराए पर लगने वाले टीडीएस की सीमा को ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया है, जिससे किराए के मकानों के बाजार में मजबूती आएगी. इसके साथ ही 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट से मध्यवर्गीय घर खरीदारों को राहत मिलेगी, जिससे उनके पास रियल एस्टेट में निवेश के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट से रियल एस्टेट सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी, जिससे बाजार में निवेश बढ़ेगा और लोगों को घर खरीदने के लिए ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी.
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन, मनोज गौड़ का कहना है कि बजट 2025 दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए गंभीर है. स्टार्ट-अप्स और रोजगार सृजन के लिए उठाए गए कदम, साथ ही आयकर स्लैब में की गई कटौती, इन उपायों से रियल एस्टेट क्षेत्र में पैसे की उपलब्धता बढ़ेगी और लोगों की घर खरीदने की इच्छा भी बढ़ेगी. एसकेए ग्रुप के डारेक्टर, संजय शर्मा का कहना है कि केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने देश की आर्थिक वृद्धि के लिए अच्छे कदम उठाए हैं, जिसमें कर सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है. नए टैक्स स्लैब और ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स न होने से लोगों की आय बढ़ेगी और खासकर पहली बार घर खरीदने वालों की मांग बढ़ेगी.
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि रियल एस्टेट बायर्स के लिए दो खुद के घरों को टैक्स में शून्य मानने का प्रस्ताव खासकर मध्यवर्गीय पेशेवरों को राहत देगा, जिनके पास अपने गांवों में दूसरा घर है. किराए की आय पर TDS की सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख करने से किराए पर निर्भर लोगों को फायदा होगा. ₹12 लाख तक की आय को करमुक्त करने से मध्यवर्गीय लोगों के पास भविष्य के रियल एस्टेट निवेश के लिए ज्यादा पैसे होंगे. बेसाइड कॉर्पोरेशन्स के डायरेक्टर,उमेश भाटी का कहना है कि बजट 2025 आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत योजना लेकर आया है, जो भारत में निर्माण को बढ़ावा देने और देश को दुनिया की सप्लाई चेन से जोड़ने पर ध्यान देता है. सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को समर्थन और ऑटोमेशन, एआई और डिजिटल तकनीकों में सुधार से नए कमर्शियल रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी.
मिगसन ग्रुप के एमडी,यश मिगलानी का कहना है कि निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और लोगों की उम्मीदों को मजबूत करना घर खरीदने और व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में लगातार तेजी आएगी. मध्यम वर्ग को मदद देने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, जैसे ₹12 लाख तक की आय वाले लोगों को कर में राहत, इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी. क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर, डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि यूनियन बजट 2025 ने संशोधित आयकर सुधारों के जरिए मध्यवर्ग को बड़ी राहत दी है, साथ ही शहरी विकास के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. ₹12 लाख तक आयकर में छूट से मध्यवर्गीय घर खरीदारों की उम्मीदें बढ़ेंगी. बीसीडी ग्रुप के वाइस चेयरमैन और सीईओ औऱ को-चेयर, सीआईआई रियल एस्टेट कमेटी अश्विंदर आर सिंह का कहना है कि केंद्रीय बजट 2025 ने आर्थिक विकास और वित्तीय अनुशासन के बीच अच्छा संतुलन बनाने की कोशिश की है. बढ़ी हुई कर छूट से मध्यम वर्ग की खपत बढ़ेगी, जो रियल एस्टेट की मांग को सीधा प्रभावित करेगा.
गुलशन ग्रुप के डायरेक्टर दीपक कपूर का कहना है कि यह बजट विकास और ग्रोथ की चिंताओं को संतुलित करने में सफल रहा है. 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड और 15,000 करोड़ रुपये का SWAMIH फंड 2 जैसी योजनाएं इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग डेवलपमेंट को बढ़ावा देंगी, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलेगा. ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह चावला कहते हैं, यह बजट विकास की प्राथमिकताओं और आर्थिक स्थिरता के बीच सही संतुलन बनाता है. 1 लाख करोड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड सहित इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देने से लंबी अवधि के विकास की मजबूत नींव रखी गई है. साथ ही, टैक्स में किए गए अहम बदलाव बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ाएंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक दिशा तय होगी.
प्रतीक ग्रुप के सीएमडी, प्रशांत तिवारी कहते हैं इस बजट में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. ₹12 लाख तक की सालाना आय को टैक्स मुक्त करने से लोगों की डिस्पोजेबल आय बढ़ेगी, जिससे घर खरीदने की मांग में बढ़ोतरी होगी, खासकर पहले बार घर खरीदने वालों के बीच. सरकार का SWAMIH फंड 2.0 किफायती आवास को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है, जिससे मध्यवर्गीय परिवारों को घर खरीदने में मदद मिलेगी. संड्रीम ग्रुप के सीईओ, हर्ष गुप्ता कहते हैं कि यूनियन बजट में शहरी विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है. स्मार्ट शहरों, बेहतर कनेक्टिविटी और रणनीतिक इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों में बढ़ते निवेश से कमर्शियल जगहों के विकास के लिए मजबूत आधार बनेगा. ₹12 लाख तक की सालाना आय पर टैक्स में छूट से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी.
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि बजट 2025 एक एक गेम-चेंजर है, जो भारत के समावेशी और सस्टेनेबल अर्बन ग्रोथ के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. ₹15,000 करोड़ के SWAMIH फंड 2 से रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे एक लाख से ज्यादा घर खरीदारों को राहत मिलेगी. रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन एम. रहेजा ने रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रभावित करने वाले हालिया बजट प्रस्तावों पर अपने विचार साझा करते हुए बताया, “अर्बन चैलेंज फण्ड के लिए सरकार द्वारा ₹1 लाख करोड़ का आवंटन हमारे शहरों को गतिशील विकास केंद्रों में बदलने की दिशा में एक सराहनीय कदम है. यह पहल न केवल शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगी बल्कि क्रिएटिव रेडेवेलोप्मेन्ट के लिए महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा करेगी, जिससे डेवलपर्स और रेसिडेंट्स दोनों को लाभ होगा.
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि बजट में किए गए ऐलान से यह साफ होता है कि सरकार का ध्यान मध्यम वर्ग को मजबूत करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने और अच्छे आर्थिक हालात बनाए रखने पर है. आयकर स्लैब में बदलाव के तहत ₹12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जो लाखों पहले बार घर खरीदने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है. एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स के एमडी नीरज शर्मा का कहना है कि बजट 2025-26 रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक बड़ा मौका लेकर आया है, क्योंकि इसमें कर व्यवस्था को सरल बनाने, इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने और आवास क्षेत्र में सुधार पर ध्यान दिया गया है. ट्राईसोल रेड के एमडी, पवन शर्मा का कहना है कि नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स में बदलाव और रिबेट लिमिट्स बढ़ाने से लोगों की डिस्पोजेबल इनकम में काफी बढ़ोतरी होगी, जिससे बचत ज्यादा होगी और रियल एस्टेट में अधिक निवेश होगा.
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस-प्रेसिडेंट (सेल्स और मार्केटिंग) अजेन्द्र सिंह कहते हैं, “केंद्र सरकार के बजट 2025 में भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा विजन पेश किया गया है, जिसमें शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया गया है. सरकार द्वारा स्मार्ट शहरों, बेहतर कनेक्टिविटी और सस्टेनेबिलिटी पर किए जा रहे निवेश से कमर्शियल स्पेस को सीधा फायदा मिलेगा. एक्सेंशिया इंफ्रा के डायरेक्टर मानित शेठी कहते हैं कि बजट 2025 आर्थिक विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार को बढ़ावा देता है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी. किराए पर टीडीएस सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख करना रेंटल हाउसिंग के लिए फायदेमंद रहेगा. ₹1 लाख करोड़ का अर्बन चैलेंज फंड शहरी पुनर्विकास में मदद करेगा, जबकि ₹15,000 करोड़ का SWAMIH फंड 2 आवासीय संकट को हल करने में सहायक होगा.
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर, संचित भूटानी कहते है कि सरकार का बजट भारत की आर्थिक वृद्धि और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक कदम है. ₹12 लाख तक आय पर टैक्स छूट से मध्यवर्गीय घर खरीदारों को राहत मिलेगी, जिससे उनके पास रियल एस्टेट में निवेश के लिए अधिक पैसे होंगे. शहरी विकास के लिए फंड भारत के शहरों को बेहतर बनाएगा और उन्हें विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा. सुषमा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल कहते हैं, बजट में टैक्स राहत और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देने से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा. दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टीज को टैक्स से छूट देना और किराये की आय की सीमा बढ़ाना होमओनर्स और निवेशकों के लिए आर्थिक राहत लेकर आएगा.
गिलको ग्रुप के मैंनेजिंग डायरेक्टर, तेजप्रीत सिंह का कहना है कि बजट में किए गए टैक्स सुधार, खासकर 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट, घर खरीदारों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने और किराए की आय पर टीडीएस की सीमा बढ़ाने जैसी वित्तीय राहत से निवेश का माहौल मजबूत होगा. ये रणनीतिक कदम बाजार में भरोसा बढ़ाएंगे, जिससे लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा और रियल एस्टेट सेक्टर को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा. मोतियाज के मैनेजिंग डायरेक्टर, मुकुल बंसल कहते हैं, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खास जोर दिया गया है, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड शामिल है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर का विस्तार तेज होगा. स्काई के एमडी, अंकित कंसल का कहना है कि इस बार के केंद्रीय बजट में, भारत सरकार ने पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए हैं. “हील इन इंडिया” पहल, जो भारत को दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का एक अहम हब बनाने की कोशिश कर रही है, एक सकारात्मक कदम है.
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, शहरी बदलाव और SWAMIH फंड 2 के लिए फंड का आवंटन, साथ ही टैक्स सुधार जो पैसों की आवाजाही को आसान करेंगे, देश की आर्थिक प्रगति को मजबूत करेंगे. जैसे कि दो खुद के घरों पर शून्य टैक्स और ₹6 लाख तक किराए की आय पर टैक्स छूट जैसे कदम रियल एस्टेट में निवेश को और फायदेमंद बनाएंगे. ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रकाश मेहता कहते हैं कि बजट में शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जो रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है. टैक्स में कमी से उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे कमर्शियल क्षेत्र में भी मांग बढ़ेगी.
रीच ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन, हरिंदर सिंह होरा कहते है कि यह बजट सरकार के आर्थिक विकास को सभी क्षेत्रों में फैलाने के लिए सक्रिय कदम को दिखाता है, खासकर उभरते हुए टियर-2 शहरों में GCCs के विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है. यह पहल न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि नई प्रतिभाओं को लाने, उद्योगों के साथ साझेदारी और नवाचार के नए मौके भी खोलती है. टी.डब्ल्यू.एच. हॉस्पिटैलिटी की सीईओ, अम्बिका सक्सेना कहती है कि इस साल सरकार ने एक संतुलित और विकास केंद्रित बजट पेश किया है, जो खासकर टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को समर्थन दे रहा है. संशोधित उड़ान योजना टूरिज़्म सेक्टर के लिए नए रास्ते खोलेगी, जिससे नए पर्यटन स्थलों को प्रमुखता मिलेगी.
ऑरिस ग्रुप के हेड सेल्स, विशाल सभरवाल का कहना है कि यूनियन बजट 2025-26 रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आवास आर्थिक विकास का एक अहम हिस्सा बना रहे. सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का बड़ा आवंटन शहरी विस्तार को तेज करेगा और नए निवेश केंद्र बनाएगा. भूमिका ग्रुप के सीएमडी, उद्धव पोद्दार का कहना है कि सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और आर्थिक सोच पर ध्यान रियल एस्टेट के लंबे समय तक विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है. खास बात यह है कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है, जिससे कमर्शियल परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा और लंबे समय तक प्रगति होगी.
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर (मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट) सलिल कुमार कहते है कि केंद्रीय बजट 2025-26 भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को तेज़ी से बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है. किराए की आय पर TDS सीमा बढ़ाने और ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स में छूट देने से एक ऐसा माहौल बनेगा जो खासकर मिडिल क्लास के लोगों के लिए घर खरीदने को प्रोत्साहित करेगा. पिरामिड इंफ्राटेक के अश्विनी कुमार कहते हैं कि बजट 2025 की घोषणाएं सरकार के द्वारा बनाई गई विकास योजना को दिखाती हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए PPP मॉडल पर जोर और राज्यों को पूंजी खर्च के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त कर्ज के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का बजट निजी कंपनियों को आर्थिक विकास में मदद करने के कई मौके देगा. तिरस्या एस्टेट्स के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर,रवींद्र गांधी का कहना है कि संशोधित टैक्स स्लैब से लोगों की आय बढ़ेगी, जिससे सेकंड होम्स और छुट्टियों के घरों में निवेश बढ़ेगा. गोवा में इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट में निवेश के लिए कर लाभ इसे निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाते हैं.
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है कि 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स न लगाने का नया प्रावधान और घटाए गए कर स्लैब, घर खरीदने की ओर लोगों को और ज्यादा आकर्षित करेंगे, खासकर मध्य-आय वर्ग के लोगों को. ये राहत उपाय ज्यादा लोगों को प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे रियल एस्टेट बाजार में मांग बढ़ेगी. अर्दीट्वींस के को फाउंडर निशांत कुमार का कहना है कि केंद्रीय बजट 2025 में एक नई योजना का ऐलान किया गया है, जो निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए है. यह कदम स्थानीय निर्माण और नवाचार को मजबूत करने की दिशा में अच्छा है. स्टार्टअप्स के लिए मार्च 2025 तक कर लाभ बढ़ाना एक अच्छा कदम है, जो सरकार की क्रिएटिविटी और व्यापार करने की इच्छा को दिखाता है.
इंफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास कहते हैं, केंद्रीय बजट 2025 में शिपिंग और शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए कई परिवर्तनकारी उपाय पेश किए गए हैं, जिससे भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में एक प्रमुख शक्ति बनने की दिशा में मदद मिलेगी. सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक है बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देना, जो शिपबिल्डिंग प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंसिंग को और अधिक सुलभ बनाएगा. रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल कहते हैं, “यह बजट आर्थिक मजबूती को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और वित्तीय सुधारों पर जोर देता है. 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड और SWAMIH फंड 2 शहरी विकास और किफायती आवास को तेजी से आगे बढ़ाएंगे.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 02, 2025, 19:48 IST