इस खास उपाय से मां सरस्वती की कृपा की होगी बरसात, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 01, 2025, 16:57 IST

Saraswati Puja: पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र से संबंधित लोगों के लिए सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है. छात्र अपने सफल जीवन की कामना के लिए इस मौके पर पूजा-पाठ में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. पंडित मनोज मिश्रा के अनुसार, इ...और पढ़ें

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माँ

माँ सरस्वती

हाइलाइट्स

  • सरस्वती पूजा का छात्रों के लिए है विशेष महत्व
  • 4 फरवरी को शुभ मुहूर्त में करें मां का विसर्जन
  • विसर्जन के बाद तुरंत करें मूर्ति को विसर्जित

भागलपुर. सरस्वती पूजा में अब महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में छात्रों ने अब सजावट शुरू कर दी है. यह पूजा छात्रों के द्वारा आयोजित की जाती है. बच्चे इसको काफी खुशी से मनाते हैं. लेकिन विसर्जन में कई बार लापरवाही बरतते हैं. ऐसे में शुभ मुहूर्त में ही विसर्जन भी करना चाहिए. इससे अच्छे फल की प्राप्ति होती है.

क्या है विसर्जन का शुभ मुहूर्त
वहीं जब इसको लेकर पंडित मनोज मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार षष्टी तिथि व सप्तमी तिथि दोनों का संयोग बन रहा है और माँ का विसर्जन सप्तमी तिथि तक हो जाना चाहिए. वहीं उन्होंने बताया कि इस बार 5 फरवरी को सप्तमी तिथि नहीं रहेगी इस दिन अष्टमी तिथि शुरू हो जाती है. इसलिए इस बार मां का विसर्जन 4 फरवरी को ही होगा.

शुभ मुहूर्त में विसर्जन का है विशेष लाभ 
कई लोगों के मन में ये संशय जरूर बन रहा होगा कि 4 फरवरी को मंगलवार का दिन पड़ता है. इसलिए इस दिन विसर्जन करने में परेशानी होगी. लेकिन मिश्रा ने बताया कि इससे किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. 4 को ही मां का विसर्जन होना चाहिए. उन्होंने बताया कि 12.30बजे के बाद मां का विसर्जन कर सकतें हैं. उन्होंने बताया कि अश्विनी नक्षत्र में मां का विसर्जन करें. शुभ योग पूरे दिन रात्रि तक है. इस दिन मेष राशि मे सूर्य प्रवेश है. इसलिए यह दिन भी काफी शुभ है. शुभ मुहूर्त में विसर्जन का भी अपना लाभ है. उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती है.

विसर्जन के बाद न करें ये गलती
वहीं उन्होंने बताया कि विसर्जन बाद छात्र कई बार गलती करते हैं कि इसके पश्चात भी दो दिन तीन दिन मूर्ति रख लेंते हैं. ऐसा करने से बचना चाहिए. इससे मां की गई पूजा भी खंडित होती है. इसलिए विसर्जन के बाद जितना जल्द हो सके मां के मूर्ति को विसर्जित कर दें. भागलपुर में गंगा किनारे कृत्रिम तालाब भी बनाए गए हैं ताकि गंगा में मूर्ति को विसर्जित न करके तालाब में विसर्जन करें.

Location :

Bhagalpur,Bhagalpur,Bihar

First Published :

February 01, 2025, 16:57 IST

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