Basant Panchami 2025 Puja Samagri List: हर साल माघ माह के शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन विद्या, ज्ञान और कला की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। मां शारदा की उपासना करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा, सरस्वती जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल की पंचमी तिथि के दिन ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था। बसंत पंचमी के दिन नई विद्या आरंभ करना, नया काम शुरू करना, बच्चों का मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें। इन पूजन सामग्री के बिना बसंत पंचमी की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।
बसंत पंचमी 2025 सरस्वती पूजा सामग्री लिस्ट
- माता सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर
- लकड़ी की चौकी और बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा
- पीले रंग की साड़ी या चुनरी
- पीले रंग के फूल, पीले रंग के फूलों की माला
- अक्षत, सिंदूर, हल्दी, सुपारी, धूप-अगरबत्ती, घी, दीया-बाती
- जल के लिए कलश, नारियल, पूजा थाली, आम के पत्ते
- केला, बेर, मौसमी फल
- बूंदी, बूंदी के लड्डू, मीठे पीले चावल, खीर
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन पीला और सफेद रंग पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ये दोनों रंग माता सरस्वती को अति प्रिय है। सफेद रंग पवित्रता और पीला रंग सकरात्मकता का प्रतीक है। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन इन दोनों रंग में से एक रंग के वस्त्र पहनकर माता सरस्वती की पूजा करें। देवी सरस्वती जी की पूजा करने से बुद्धि, विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में भरपूर कामयाबी मिलती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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