इस दाल के बिना अधूरी है पितरों की पूजा, परिवार की समृद्धि के लिए लगाएं भोग

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पितृ पक्ष में उड़द दाल का महत्व 

ऋषिकेश: पितृपक्ष के दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए लोग कई उपाय अपनाते हैं. खीर, फल, तिल, जौ जैसी कई चीजों को पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा और भी एक खास चीज है, जिसको आपको पितरों की पूजा के लिए इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. हम बाते कर रहे हैं उड़द की दाल की. आइए जानते हैं पंडित ने उड़द की दाल को पितरों की पूजा के लिए कितना फायदेमंद बताया.

इस दाल के बिना अधूरी है पितरों की पूजा
लोकल 18 के साथ बात की ऋषिकेश  महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने. उन्होंने बताया कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों को खुश करने के लिए भोग लगाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है. इस समय परिवार के पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धा और आस्था के साथ भोग लगाया जाता है. भोग में शुद्ध और सात्विक भोजन, विशेष रूप से खीर, पूड़ी, चावल और फल शामिल होते हैं. साथ ही उड़द की दाल के बिना पितरों का भोग अधूरा माना जाता है.

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ऐसे लगाएं उड़द की दाल का भोग
इसे पवित्र स्थान पर रखकर पितरों का ध्यान किया जाता है. पितरों को जल अर्पित करने के साथ, तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद की कामना की जाती है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

क्यों लगाया जाता है उड़द दाल का भोग?
पितरों के भोग में उड़द दाल का विशेष महत्व है. खासकर पितृपक्ष के दौरान. यह दाल भारतीय परंपरा में श्राद्ध कर्म और तर्पण के लिए उपयोगी मानी जाती है, क्योंकि इसे पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति का प्रतीक माना जाता है. उड़द दाल से बने पकवान, जैसे उड़द दाल की खिचड़ी या दाल-पूरी पितरों को अर्पित करनी चाहिए. यह दाल पितरों के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यधिक शुभ मानी जाती है, जिससे घर-परिवार में समृद्धि, सुख और शांति बनी रहती है. श्रद्धा और भक्ति के साथ अर्पित उड़द दाल का भोग पितरों को प्रसन्न करता है.

Tags: Dharma Aastha, Local18

FIRST PUBLISHED :

September 23, 2024, 09:46 IST

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