Chitra Nakshatra : वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्र में से 14वां नक्षत्र चित्रा नक्षत्र है, जो 23 डिग्री 20 मिनट कन्या राशि और 6 डिग्री 40 मिनट तुला राशि तक फैला है. चित्रा नक्षत्र मंगल द्वारा शासित होता है. इस नक्षत्र के स्वामी ब्रह्मांड के शिल्पकार और वास्तुकार विश्वकर्मा हैं. कन्या और तुला राशि वाले इस नक्षत्र का प्रतीक मोती है, जो सुंदरता पवित्रता और शुभता को परिभाषित करता है.
चित्रा नक्षत्र का व्यक्तित्व: चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक संतोषी, धनवान एवं देवता सदृश होते हैं. ये हमेशा अपने जन्म स्थान से दूर प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं. मंगल ग्रह से प्रभावित होने के कारण यह काफी साहसी और उग्र स्वभाव के होते हैं. इस नक्षत्र में जन्मे लोग नौकरी के बजाय अपना खुद का व्यवसाय करना ज्यादा पसंद करते हैं और जो नौकरी करते हैं, वह अपने कार्यक्षेत्र में हमेशा आगे रहते हैं. व्यावसायिक मामलों में इनका दिमाग काफी चलता है, इसलिए व्यवसाय में काफी तरक्की करते हैं.
इस नक्षत्र के पहले दो चरण कन्या राशि और अंतिम दो चरण तुला राशि के अंतर्गत आते हैं. धन, ऐश्वर्य और सफलता को दर्शाने वाला यह नक्षत्र अत्यधिक शुभ, व्यक्ति की प्रतिभा और आंतरिक प्रकाश का प्रतिनिधत्वि करता है. इस नक्षत्र के चार चरणों के अलग-अलग फल होते हैं.आइए जानते हैं इसके प्रत्येक चरण के बारे में.
- पहला चरण सिंह नवमांश में सूर्य द्वारा शासित होता है. इस चरण वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से आकर्षक, अधिकार, आंतरिक शक्ति के साथ ही आत्म-नियंत्रण रखने वाले होते हैं. हालांकि यह कभी-कभी थोड़े कठोर हो जाते हैं.
- दूसरा चरण कन्या नवमांश में बुध द्वारा शासित होता है. इस चरण में सूर्य, बुध, मंगल और राहु जैसे ग्रहों का प्रभाव बौद्धिक क्षमता, अनुशासन और पूर्णतावादी गुण प्रदान करता है.
- तीसरा चरण तुला नवमांश में शुक्ल द्वारा शासित इस चरण पर बुध, शुक्र और शनि का प्रबल प्रभाव होता है. ऐसे लोग आत्मकेंद्रित होकर चालाकी और हेरा-फेरी करके सफलता प्राप्त करने वाले होते हैं. यह लोग आत्मविश्वासी और धैर्यवान होते हैं.
- चौथा चरण वृश्चिक नवमांश में मंगल द्वारा शासित इस चरण पर केतु, शनि, शुक्र और राहु का प्रभाव होता है. जीवन को जोश और उत्साह के साथ व्यतीत करनेवाले ऐसे व्यक्ति अनैतिक माने जानेवाले कार्यों को करने की प्रवृत्ति रखते हैं. क्रोधी और आसानी से उत्तेजित हो जानेवाले इन लोगों का जीवन हमेशा आसान नहीं होता, बल्कि इन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
चित्रा नक्षत्र के लिए व्यवसाय : चित्रा नक्षत्र में जन्मे पुरुष के लिए सबसे अच्छा पेशा वास्तुकला, इंजीनियरिंग, पायलट और यात्रा से संबंधित कुछ भी हो सकता है. व्यवसाय में भी जातक साझेदारी में या अपने माता-पिता के साथ काम करके भी अच्छी कमाई कर सकता है.
चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातक जटिल या विषम रोगों से कष्ट पाता है. रोग का कारण बहुधा समझ पाना कठिन होता है. फोड़े-फुंसी, सूजन या चोट से कष्ट होता है.
उपाय : असगंध की जड़ भुजा में बांधने से लाभ होता है.
चित्रा नक्षत्र संबंधी उपाय:
- चित्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों को इसी नक्षत्र में तांबे का बर्तन और घी का दान करने से भाग्य साथ देता है.
- चित्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों को बेल का वृक्ष लगाना चाहिए, इससे इनका नक्षत्र मज़बूत होता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 30, 2024, 08:04 IST