इसराइल हमास युद्ध के बाद अब अमेरिका की आर्थिक मंदी से फीका पड़ा पीतल का कारोबार

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Last Updated:January 19, 2025, 23:52 IST

मुरादाबाद जिले से हर साल औसतन आठ से नौ हजार करोड़ का निर्यात होता है. इससे सबसे अधिक हिस्सेदारी अमेरिका की है. लेकिन पिछले एक साल से निर्यात में उतार चढ़ाव चल रहा है. कभी रुस-यूक्रेन युद्ध कारोबार के आड़े आया तो कभी इजराइल हमास...और पढ़ें

इसराइल हमास युद्ध के बाद अब अमेरिका की आर्थिक मंदी से फीका पड़ा पीतल का कारोबार

कारोबार में आई मंदी।

रिपोर्ट: पीयूष शर्मा

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से हर साल औसतन आठ से नौ हजार करोड़ का निर्यात होता है. इससे सबसे अधिक हिस्सेदारी अमेरिका की है. लेकिन पिछले एक साल से निर्यात में उतार चढ़ाव चल रहा है. कभी रुस-यूक्रेन युद्ध कारोबार के आड़े आया तो कभी इजराइल हमास युद्ध, अमेरिका की आर्थिक मंदी ने भी निर्यात को प्रभावित किया है.इससे कारोबार में काफी गिरावट आई है. कई देशों में चल रहे युद्ध के चलते कई करोड़ रुपये का निर्यात घट गया है. वहीं बाहर के कारोबारियों के जीएसटी गड़बिडी करने की वजह से मुरादाबाद के निर्यातकों को इसकी मार झेलनी पड़ रही है. इसके अलावा पीतल नगरी के निर्यातकों के सामने सबसे बड़ी मुसीबत चीन के सस्ते उत्पाद बन रहे हैं।

विभिन्न देशों में जाता है माल
मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. मुरादाबाद से उत्पादों का निर्यात खासतौर से अमेरिका, इंग्लैंड, ताइवान, कोरिया, संयुक्त अरब, अमीरात, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, रूस,यूक्रेन, इजरायल, हमास समेत कई देशों में किया जाता है. डिमांड के अनुसार निर्यातक विदेशों तक उत्पाद भेजते हैं. लेकिन अब मुरादाबाद के निर्यातकों को व्यापार में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी चुनौती चीन है. जो उत्पाद पीतल नगरी से निर्यात किए जा रहे हैं. उन्हीं उत्पाद को चीन से कम दामों में भेजा जा रहा है. लेकिन चीन की चुनौती से निपटने के लिए निर्यातक अच्छी गुणक्ता के उत्पाद तैयार कर रहे हैं. लेकिन पहले रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के बाद दोनों देशों से निर्यातकों को आर्डर मिलने के बाद बंद हो गए.

150 करोड़ के मिलते हैं ऑर्डर
यहां से निर्यातकों को प्रत्येक वर्ष करीब 150 करोड़ रुपये के आर्डर मिलते थे. इन दोनों देशों से हुए नुकसान से निर्यातक उभर नहीं पा रहे थे कि बाद में इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ. तो एक और झटका निर्यातकों को लग गया. अब निर्यातक अमेरिका से उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन वर्ष 2025 में अभी तक निर्यातकों को अमेरिका से भी आर्डर नहीं मिले है. इसके पीछे अमेरिका के जंगलों में लगी आग माना जा रहा है.सबसे अधिक परेशानी निर्यातकों को जीएसटी डाल रही है.दूसरे की गड़बड़ी के चलते जीएसटी अधिकारी निर्यातकों को परेशान कर रहे हैं. सबसे बड़ी उनके सामने जीएसटी अधिकारी डाल रहे हैं।

अमेरिका के कैलिफोर्निया में लगी आग से रुक गए आर्डर
अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग ने भी मुरादाबाद के निर्यातकों को भारी नुकसान दिया है. वर्ष 2025 में मिलने वाले आर्डर अभी तक नहीं मिले हैं. निर्यातकों का कहना है कि अगर वहां पर आग नहीं लगती तो उनके साथ वार्ता होकर अब तक आर्डर मिल जाते, लेकिन अभी तक उनसे वार्ता भी नहीं हो पा रही है.उद्योग विभाग के जॉइंट कमिश्नर योगेश कुमार ने बताया कि अगर किसी निर्यातक को नियम से हटकर कोई जीएसटी अधिकारी परेशान कर रहा है. तो निर्यातक मुझसे बता सकते हैं. आज तक मुझसे किसी ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की है।

Location :

Moradabad,Uttar Pradesh

First Published :

January 19, 2025, 23:52 IST

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इसराइल हमास युद्ध के बाद अब अमेरिका की आर्थिक मंदी से फीका पड़ा पीतल का कारोबार

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