एक हजार साल पुराना है यह अनोखा कब्रिस्तान, यहां भर जाती है सूनी गोद!

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Agency:NEWS18DELHI

Last Updated:February 07, 2025, 14:01 IST

Delhi Hijron-Ka-Khanqah: दिल्ली के मेहरौली में स्थित हिजड़ों का ख़ानक़ाह 1000 साल पुराना है, जहां 50 से ज्यादा कब्रें हैं. यहां माथा टेकने से मुरादें पूरी होती है, खासकर मां बनने की.जिस वजह से यहां सभी समुदाय के ...और पढ़ें

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हिज्रों

हिज्रों का ख़ानक़ाह

हाइलाइट्स

  • दिल्ली के मेहरौली में 1000 साल पुराना हिजड़ों का ख़ानक़ाह है.
  • यहां माथा टेकने से मां बनने की मुराद पूरी होती है.
  • ख़ानक़ाह में 50 से ज्यादा कब्रें हैं, लोदी वंश के समय की.

रिया पांडे/दिल्ली: यूं तो राजधानी दिल्ली में कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिसे देखने के लिए पर्यटकों की लगी भीड़ लगी रहती है. लेकिन आज हम आपको किन्नरों का बना हुआ कब्रिस्तान जहां से हिजड़ों की उत्पत्ति हुई है, उसके बारे में बताने जा रहे हैं. यहां आज भी किन्नरों से ज्यादा आम जनता माथा टेकने जाती है. क्योंकि इस कब्रिस्तान में मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है. किन्नरों की खानकाह दिल्ली के मेहरौली बाजार में स्थित है. इस जगह पर 50 से ज्यादा कब्रें देखने को मिलेंगी, जिन्हें लोदी वंश के शासनकाल यानी 15वीं शताब्दी के दौरान दफनाया गया था. यह जगह खास किन्नरों के लिए ही बनाई गई है.

बता दें कि  साउथ दिल्ली के महरौली गांव में किन्नरों का ख़ानक़ाह स्थित है, जो प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है. वहीं इस ख़ानक़ाह के देखभाल करने वाले श्री ने लोकल 18 की टीम से बात करते हुए बताया कि वह यहां 32 सालों से देखभाल करने का काम करते आ रहे है, उससे पहले उनके परदादा और दादा और पिता जी किया करते थे. वहीं उन्होंने आगे बताया कि यहां किन्नरों का ख़ानक़ाह  1000 साल से भी ज्यादा पुराना है. जहां सबसे बड़ी सधौ माई की कब्र बनी है. इसके साथ ही उनके पूरे परिवार की 50 कब्र बनी हुए है. उन्होंने  बताया कि यह कुतुब साहब की मुंह बोली बहन बनी थी, जहां वह मुगल काल से ही लोगों के घर जाकर बधाइयां देती थी और उनके कदम पढ़ते ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती थी. उन्होंने आगे बताया कि इसी स्थान से सभी हिजड़े निकले हैं. चाहे वह पाकिस्तान हो मुंबई या कोलकाता सब यही से उनकी पीढ़ी शुरू हुई है.

मां बनने की मुरादे होती है पूरी

वही श्री ने आगे बताया कि सधौ माई की कब्र पर माथा टेकने पर सभी मुरादे पूरी होती है. खासकर के जो महिलाएं मां नहीं बन पाती वो अगर यह गुरुवार के दिन पूजा करती हैं या माथा टेकती हैं, तो उनके घर जल्दी खुशखबरी आ जाती है, जिस वजह से यहां सभी समुदाय के लोग दूर-दूर से इनके दर्शन करने के लिए आते हैं.

जानें  टाइम और लोकेशन…
हिज्रों का ख़ानक़ाह सुबह 8:00 से लेकर शाम 7:30 बजे तक के लिए खुली रहती है, वही इसकी लोकेशन की बात करें तो नजदीकी मेट्रो स्टेशन कुतुब मिनार है. जहां से आप ऑटो लेकर यहां जा सकते हैं.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 07, 2025, 14:01 IST

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